कोसी और सीमांचल क्षेत्र में काफी प्रभाव रखने वाले पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के अबतक के राजनैतिक जीवन को देखा जाय तो उसे दो हिस्सों में बाँटना होगा। राजनीति में उनका प्रवेश एक बाहुबली क्षत्रप के रूप में हुआ, उस दौरान उनपर कई आरोप लगे, विभिन्न कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा औऱ कुछ मामले अब भी न्यायालय में विचाराधीन या लंबित है।
लेकिन बीते 7-8 वर्षों से जो उन्होंने अपने राजनैतिक सफ़र की दूसरी पारी खेलनी शुरू की है, वो जहाँ एक तरफ उन्हें समाज सुधारक के रूप में प्रतिष्ठापित किया है, वहीं इस दौरान उन्हें ज्यादा चुनावी हार का भी सामना करना पड़ा है।
एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के साथ-साथ एक समाजसेवी के रूप में 2014-2019 सत्र के दौरान मधेपुरा (राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव) औऱ सुपौल (रंजीत रंजन) के तत्कालीन सांसद दंपति के द्वारा दिल्ली स्थित अपने आवास पर जो “सेवा-श्रम” चलाया जा रहा था, वह न सिर्फ अपने क्षेत्र बल्कि समूचे बिहार से आये गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगी के लिए था। बीते लगभग एक महीने पहले “सेवा-श्रम” उन्हें बंद करना पड़ा क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद दंपती को हार का सामना करना पड़ा।
इन तमाम चीजों के बाद भी अगर उनके बीते 7-8 वर्ष के राजनैतिक जीवन के बारे में देखा जाय, तो न सिर्फ अपने क्षेत्र की बल्कि समूचे बिहार में जब भी कोई सामाजिक न्याय की माँग उठी, उसके समर्थन में गंभीरता से कोई राजनेता आया तो वह था “पप्पू यादव”, चाहे मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड हो या पटना के “पारस अस्पताल” में युवा इंजीनियर की मृत्यु का मामला हो या मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मृत्यु का मामला हो या अभी-अभी पटना में भारी बारिश की वजह से पीड़ित परिवार का मामला हो। इन सभी जगह अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कर समूचे बिहार का ध्यान खींचा है।
एक नज़र डालते हैं पटना की वर्तमान त्रासदी पर…….
भारी भरकम शरीर और उससे कहीं गुना ज्यादा मेहनत वह भी एक पूर्व सांसद राज नेता, पार्टी कोई भी हो आँखों से हटता नहीं, वो जमीनी नेता जो घटना हो, दुर्घटना हो, चाहे कोई मुसीबत हो, सबसे पहले पहुँचता है और पहुँच कर पुरजोड़ मदद करता है वह है “पप्पू यादव”। पटना में अभी-अभी बारिश जनित बाढ़ में पप्पू यादव के द्वारा जो बचाव औऱ राहत सामग्री पहुँचाने का कार्य किया गया वो किसी से छुपा नहीं है। हमसबने हज़ारों नेता देखा है जो महज़ चुनाव के दौरान वोट मांगने के लिए मेहनत करते दिखते हैं लेकिन बाढ़ के पानी में खुद घुसकर अपने साथियों के साथ लगातार लोगों की मदद करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव ने एक मिसाल कायम किया है।
यूँ तो इस मदद कार्य में उनके साथ कई लोग आए जिन्होंने आर्थिक या शाररिक रूप से सहयोग किया लेकिन समस्तीपुर की श्रेया सिद्धि नाम की बच्ची ने पटना के लोगों की मदद करने के लिए अपने गुल्लक तोड़ उसमें जमा 11 हजार रुपए दिए, जो अविस्मरणीय था।
#हथिया नक्षत्र के कहर का दर्द झेल रहे पटनावासी के मदद के लिये जहाँ तमाम राजनैतिक दल के युवा राजपुत्र प्रेस रीलिज जारी कर अपने कर्त्तव्य से मुक्त हो रहे हैं वहीं लगातार 6 दिनों से खुद पूर्व सांसद पप्पू यादव सहित उनके कार्यकर्ता पटना की उन गलियों में जा रहे थे, जहाँ शासन-प्रशासन भी नहीं पहुँच सका था।
जाप की माने तो इस दौरान लगभग 1 लाख से अधिक लोगों तक दूध,भोजन,पानी सहित अन्य जरूरत की सामग्री सहित रेस्क्यू किया गया। लंगर सहित रहने की व्यवस्था कई जगह की गई है।
लेकिन आखिर क्यों कर रहे हैं यह सब पप्पू यादव?
2019 के चुनाव में पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीत रंजन को हार का सामना करना पड़ा। जबकि पूर्व सांसद दम्पति अपने क्षेत्र सहित बाहरी क्षेत्र के लोगों की आर्थिक, मानसिक और चिकित्सा में मदद करते रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि यह सब मात्र दिखावा या राजनीति चमकाने का हथियार है। अगर ऐसा रहता तो चुनाव-दर-चुनाव हारने के बाद उनकी जनसेवा भावना बढ़ती ही नहीं चली जाती। कहीं-न-कहीं इस व्यक्ति के अंदर मदद करने का दीप जरूर जल रहा है। अगर नई पीढ़ी के 1 प्रतिशत नेताओं ने भी पप्पू यादव के मार्ग का अनुशरण किया तो आने वाले समय में राजनीति कितनी अच्छी हो सकती है, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।
हाँ, एक बात पप्पू यादव जी के लिए, कोसी के आम नागरिक की हैसियत से हम कहना चाहते हैं कि सब ठीक है, आप बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन मेरे समझ से बिहार और देश के विभिन्न मसलों पर अपनी अभिव्यक्ति देना तथा कार्य करना ठीक है, किन्तु इन सबके आलावे एक महत्वपूर्ण बात है कि आप जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उसका सर्वांगीण विकास भी आपकी जिम्मेदारी है, बीते 5 वर्ष सांसद दंपति ने कोसी क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया और अगर कोसी क्षेत्र के विकास की बात करें तो सहरसा में ओवर ब्रिज, सहरसा-मधेपुरा का मुख्य मार्ग और क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में सड़क की स्थिति और जल-जमाव आदि से आये दिन आम जनमानस को हो रही परेशानी से आप सभी अवगत होंगे।
मैं अंत में ये सब बता उनके अच्छे कार्य पर पानी नहीं फेड़ना चाह रहा बल्कि उनके बेहतर भविष्य के लिये उन्हें आगाह कर रहा हूँ कि घर दुरुस्त होना सबसे महत्वपूर्ण है, तभी आप लंबे समय तक सेवा कर पाएंगे।
गुड्डू सिंह की ✍️ से ©
(यह लेखक के स्वतंत्र विचार है)