Coronavirus: कैसी है सिवान की बदकिस्मती, कभी शाहबुद्दीन का खौफ हुआ करता था आज कोरोना से डरा/सहमा है

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कहते हैं समय और किस्मत दोनों साथ साथ चलते हैं। जी हाँ, मैं बिहार के सिवान जिले की बात कर रहा हूँ। यह जिला कभी इंसान के खौफ से डरा, सहमा हुआ करता था और जब इंसान का खौफ कम हुआ तो आज यह फिर से डर सा गया है, सहम सा गया है। और इस बार कोई इंसान नहीं बल्कि वो अदृश्य बीमारी जिससे पूरी दुनिया सहमी/डरी हुई है और वह बीमारी है कोरोना। इस बीमारी के बारे में ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमसब इस बात से अवगत हैं कि इस बीमारी ने पूरी दुनिया को कैसे रोक/Pause कर दिया है। तकरीबन पूरी दुनिया का अधिकांश हिस्सा लॉकडौन से गुजर रहा है।

अरे मैं तो मुद्दे से भटक रहा था। मुझे तो आज आपको बिहार के सिवान जिला ले चलना है जो एक बार फिर से चर्चा में है…….

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शहाबुद्दीन की अपराध गाथा का इससे ही पता चलता है कि उसने सिवान जिले के एक व्यवसायी के बेटों को तेजाब से जिंदा नहलाकर उनकी हत्या कर दी थी। जेल जाने के बावजूद वह जेल से ही अपनी सियासत को संभालता था। सिवान के लोग उसका नाम लेने से भी डरते थे। ठीक वैसा ही माहौल एक बार फिर सिवान में है, लोग घरों में कैद हैं, कोरोना के नाम से डरे हुए हैं। इसकी वजह है कि बिहार में अभी सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज इसी जिले के पाए गए हैं।

मालूम हो कि बिहार में 40 फीसदी से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अकेले सिवान जिले के ही हैं।

फिर प्रश्न उठता है कि आखिर सिवान ही कोरोना का हॉटस्पॉट क्यों बना, तो इस सवाल का जवाब ये है कि बिहार में रोजगार ना होने की वजह से सिवान और इसके आसपास के जिले के लोग रोजगार की तलाश में खाड़ी देश का रूख करते रहे हैं और जब खाड़ी देशों में कोरोना का संक्रमण बढ़ा तो वो अपने देश अपने घर को लौट आए। वहां से कोरोना वायरस संग लौटे मरीजों की सही से मॉनिटरिंग नहीं की गई और यही वजह है कि बिहार का सिवान जिला कोरोना वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा है।जिले में बढ़े कोरोना के संक्रमण के लिए हमारी व्यवस्था जिम्मेदार है।

सिवान जिले से अबतक मिली जांच रिपोर्ट में ओमान से वापस लौटे मरीज ने अपने परिवार के साथ ही गांव के लोगों को भी संक्रमित कर दिया। यह मरीज 22 मार्च को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा था, जहां से होम क्वारेंटाइन की बात कहकर उसे भेज दिया गया। बिहार पहुंचे वह मरीज घर के बाहर क्रिकेट खेलता रहा, लोगों से मिलता रहा और इस तरह से उसने कोरोना से अन्य लोगों को भी संक्रमित कर दिया ।

जब उसकी 2 अप्रैल को जांच की गई और 3 अप्रैल को जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो प्रशासन की तरफ से उसके परिवार के लोगों की जांच शुरू की गई जिसके बाद एक-एक कर मामले पॉजिटिव आने शुरू हुए तो प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। उसके पूरे गांव को सील कर दिया गया। लोग भय के मारे घर में सिमट गए हैं। लोगों को लग रहा कि अब किसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाए और कोरोना उन्हें जकड़ ना ले।

कहते हैं कि सिवान के बेताज बादशाह शहाबुदीन को तो सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुनाई और वह तिहाड़ जेल में बंद है लेकिन सिवान के कोरोना को कौन सी अदालत सजा सुनाएगी, उसे किस जेल में भेजा जाएगा।

news source:dainik jagran

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