कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सेंट्रल रेलवे द्वारा शरू की गई प्लेटफार्म टिकट में की गई बढ़ोतरी (10 की बजाय 50) ताकि स्टेशन पर भीड़-भाड़ को रोका जा सके और साथ ही लोग भी कोरोना का शिकार होने से बच सकेंगे। उसके बाद नई दिल्ली स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट को बढ़ाया गया और धीरे धीरे देश के अधिकांश रेलवे स्टेशन पर यह तरीका अपनाया गया। लेकिन इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी लोगों ने रेलवे पर तंज किया है तो कइयों ने इसे अच्छा तरीका बताया है। इसी कड़ी में एक बिहारी ने एक जुगाड़ समझाया कि कैसे इस महंगे प्लेटफार्म टिकट से बचा जा सकता है। उसने कहा कि सरकार को तो कुछ भी पता नहीं है। मैं आपको बताता हूं कि जुगाड़ क्या, उसने कहा-
पटना जंक्शन पर जाने के लिए 50 रुपए का प्लेटफार्म टिकट क्यों लेंगे। और वो भी सिर्फ दो घंटे के लिए। इससे अच्छा है कि पटना जंक्शन से राजेंद्र नगर टर्मिनल या फिर दानापुर जाने का पैसेंजर टिकट ले लेंगे। इस टिकट की कीमत होगी मात्र 10 रुपए और वैधता भी 2 घंटे से अधिक की होगी।
इसके लिए जब रेलवे के एक अधिकारी से बातचीत की गई, तो वे भी इस जुगाड़ को जानकर हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि सचमुच ऐसा करने वाले लोग मिल जाएगे और उन्हें रोका भी नहीं जा सकता है, दरअसल सरकार ने कोशिश यह की है कि प्लेटफार्म टिकट की कीमत बढ़ाकर रेलवे स्टेशनों पर सीआफ और रिसीव करने आने वाले लोगों की संख्या को कम कर दी जाए।
हालांकि “कोशी की आस” आपलोगों से निवेदन करता है कि इस तरह के तरीके को न अपनाया जाय, ताकि जिस उद्देश्य से (कोरोना को खत्म करने के उद्देश्य से) भारतीय रेल द्वारा शुरू किया गया ये मुहिम सफल हो। और साथ ही भारत को कोरोना मुक्त करने में अपना सहयोग दें।