अहिंसा में जो शक्ति है, उसकी जगह हिंसा कभी नहीं ले सकती : सीता कुमारी

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खगड़िया : गाँधी जयंती के अवसर पर गाँधी पार्क बापू नगर बलुआही में गाँधी पार्क के सदस्यों द्वारा गाँधी जयंती धूम धाम से मनाई गई। सबसे पहले गाँधी जी के प्रतिमा पर नगर सभापति सीता कुमारी, नगर पार्षद रणवीर कुमार, पार्क के अध्यक्ष महेश्वर प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष सदानंद सिंह एवं बापू मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक चंद्रमणि मिश्र के द्वारा पुष्प, माल्यार्पण कर नमन किया।

पार्क में उपस्थित सभी लोगों ने गाँधी जी के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम गाकर उन्हें याद किया। नगर सभापति सीता कुमारी ने कहा कि आज बहुत खास दिन है आज के ही दिन देश के दो महापुरुषों का जन्म हुआ था। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री । गाँधी जी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।

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उन्होंने आगे कहा कि गाँधी जयंती की सबसे खास बात यह है कि आज के दिन पूरे दुनिया में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूरी दुनिया को सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी ने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने में जी-जान लगा दिया। उन्होंने लोगों के बीच देशभक्ति की अलख जगाने के साथ ही, नस्लीय व जातिगत भेदभाव जैसी सामाजिक कुरीतियों पर भी हमला किया। वे हमेशा कहते थे कि किसी भी तरह के विरोध का मार्ग हिंसात्मक नहीं हो सकता है। अहिंसा में जो शक्ति है, उसकी जगह हिंसा कभी नहीं ले सकती है। इन्हीं विचारों के बूते दुनियाभर में उनकी ख्याति नही भूल सकती।

आगे बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि साफ-सफाई, ईश्वर भक्ति के बराबर है और इसलिए उन्होंने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा दी थी और देश को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उनका कहना था कि उन्होंने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था जिसके लिए वे चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एकसाथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। महात्‍मा गांधी के स्‍वच्‍छ भारत के स्‍वप्‍न को पूरा करने के लिए गाँव गाँव जाकर लोगों को जागरूक किया।

नगर पार्षद रणवीर कुमार ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया था। शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में दो अक्टूबर, 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था। देश की आजादी में लाल बहादुर शास्त्री का खास योगदान है। साल 1920 में शास्त्री ने भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे। स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन उल्लेखनीय हैं। शास्त्री ने ही देश को ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था।

पार्क के अध्यक्ष महेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि आज किसानों, मजदूरों और मेहनतकशों के सबसे बड़े हमदर्द, महात्मा गांधी जी की जयंती है। गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा भारत के गांव, खेत और खलिहान में बसती है। आज ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती भी है। गांधी जी ने अपने बचपन में ही भारतीयों में स्वच्छता के प्रति उदासीनता की कमी को महसूस कर लिया था उन्होंने किसी भी सभ्य और विकसित मानव समाज के लिए स्वच्छता के उच्च मानदंड की आवश्यकता को समझा। उनमें यह समझ पश्चिमी समाज में उनके पारंपरिक मेलजोल और अनुभव से विकसित हुई। अपने दक्षिण अफ्रीका के दिनों से लेकर भारत तक वह अपने पूरे जीवन काल में निरंतर बिना थके स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते रहे। गांधीजी के लिए स्वच्छता एक बहुत ही महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा था। 1895 में जब ब्रिटिश सरकार ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों और एशियाई व्यापारियों से उनके स्थानों को गंदा रखने के आधार पर भेदभाव किया था, तब से लेकर अपनी हत्या के एक दिन पहले 20 जनवरी 1948 तक गांधीजी लगातार सफाई रखने पर जोर देते रहे।

लोक सेवक संघ के संविधान मसौदे में उन्होंने कार्यकर्ताओं के संबंध में जो लिखा था वह इस प्रकार है- ‘कार्यकर्ता को गांव की स्वच्छता और सफाई के बारे में जागरूक करना चाहिए और गांव में फैलने वाली बिमारियों को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए’ ‘गांव में रहने वाले प्रत्येक बच्चे, पुरुष या स्त्री की प्राथमिक शिक्षा के लिए, घर-घर में चरखा पहुंचाने के लिए, संगठित रूप से सफाई और स्वच्छता के लिए पंचायत जिम्मेदार होनी चाहिए। मौके पर उपस्थित बापू मध्य विद्यालय के सहायक शिक्षक सिकन्दर सिंह,अमरकांत शरण, पार्क के माली दिनेश सिंह, मुकेश कुमार, अमित कुमार,वेद आशीष,आयुष सिंह आदि ने भी गाँधी जी को पुष्प अर्पित कर नमन किया।

अनीश कुमार
कोशी की आस@खगड़िया

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