कोरोना के मार से अछूत नहीं किसान – बिहार किसान मंच

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खगड़िया : कृषि क्षेत्र कोरोना के मार से अछूत नहीं, लेकिन भारत के आर्थिक मंदी से उबारने मे कृषि क्षेत्र ही सफल होगा। यह बयान बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू ने बिहार सरकार को पत्र लिखने के उपरांत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार जो कोरोना से झुंझ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में चाहिए कि FCI और सहकारिता के मध्यम से प्रत्येक गाँव में किसानो का गेहूं न्यून्तम समर्थन मूल्य पर खरीद कर गरीब उपभोक्ताओं को जनबितरण प्रणाली के बितरण करे। इससे किसानो को दाम भी मिलेगा और सरकार का खर्च ट्रांस्पोटिंग में भी नहीं लगेगा,कोरोना फैलने मे भी रुकेगा।

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प्रदेश अध्यक्ष टुडू ने यह भी बिहार सरकार को पत्र लिख कर माँग किया कि बिहार के 18 जिलों में मक्का का प्रचुर मात्रा में खेती होती है। यहाँ से दूसरे राज्यो में मक्का को भेजा जाता था, लेकिन आज कोरोना को लेकर मक्का पर आधारित सभी उद्योग बंद है। खरीदने वाला भी उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्तिथि में सरकार किसानो का मक्का खरीदारी सुनिश्चित करें, वर्ना किसान कोरोना के मार से पहले किसान मर जायेगा।

राज्य सरकार से टुडू ने यह भी माँग रखा है कि बिहार के किसान लगतार इस बाढ़, सुखार, अति विरिष्टि, ओला, तूफान, वर्षा के मार के बाद अब कोरोना का मार झेल रहा है। इसलिए बिहार किसान मंच यह मांग करता है कि बिहार सरकार भले कृषि ऋण माफ नहीं कर सकता है तो एक वर्ष का ब्याज माफ कर दे, जिससे किसान खेती कर सके ऋण वसूली पर तत्काल रोक लगा दे। टुडू ने बिहार सरकार से यह भी माँग रखा कि, किसानो का लंम्बित फसल छति पूर्ति, फसल सहायता की राशि अबिलंम्ब किसानो के खाते में भुगतान करे तथा केंद्र सरकार फसल बीमा की राशि किसानो को दे। देश आर्थिक आपात काल से गुजर रहा है, किसान और कृषि ही इस देश को आर्थिक मंडी से उबार सकती है। 1662,1971 मे देश में अकाल परा था उस समय भी कृषि ही देश को मजबूत किया था।

अनिश चौरसिया
कोशी की आस@खगड़िया

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