एनडीए गठबंधन के जनता दल (यू) प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित : संजय यादव

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खगड़िया : एनडीए गठबंधन में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एवं वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्ला मुकेश सहनी के आने के बाद बहुत बड़ा मजबुती मिला है। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के एनडीए गठबंधन से अलग होने से एनडीए गठबंधन में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। उक्त बातें हम के जिलाध्यक्ष औऱ एनडीए नेता संजय यादव ने कहा।

उन्होंने कहा कि 2005 के फरवरी में लोजपा अकेले चुनाव लड़ी। 2005 के अक्टुबर में भी लोजपा अकेले चुनाव लड़ी।2010 में राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन करके चुनाव लड़ा। इससे स्पष्ट होता है कि 2005 से 2020 तक लोक जनशक्ति पार्टी नीतीश के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन में कभी रहा ही नहीं। इसीलिए लोजपा को एनडीए से अलग होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

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उन्होंने कहा कि 2020 का चुनाव 15 साल पति-पत्नी की सरकार तथा 15 साल न्याय के साथ विकास के नेतृत्व करने वाला नीतीश कुमार के बीच होगा। बिहार में नीतीश का चेहरा और मोदी का विकास के सवाल पर चुनाव लड़ा जाएगा। और आगे हम के जिलाध्यक्ष संजय यादव ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सेक्युलर के संघर्ष शील एवं जुझारू पार्टी कार्यकर्ताओं के बल पर खगड़िया जिला के चारों विधानसभा सीट पर एनडीए समर्थित जदयू उम्मीदवार को जीत दिला जीतन राम मांझी के हाथों को मजबूत कर नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार बनाने का संकल्प लिया गया।

साथ ही साथ आगे बताया कि पूर्ण विश्वास है कि मतदाताओं में जो उत्साह है। उस उत्साह को देखते हुए विश्वास है कि बिहार में एनडीए गठबंधन को 200 प्लस सीट मिलेगी। और एक बार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में पुनः सरकार बनेगी । महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव के द्वारा जिस तरह से दलितों के नेता जीतन राम मांझी, अतिपिछड़ा के नेता मुकेश सहनी और पिछड़ों के नेता उपेन्द्र कुशवाहा के साथ जो धोखा हुआ है। इसका खामियाजा 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को भुगतना पड़ेगा।

अनिश कुमार
कोशी की आस@खगड़िया

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