खगड़िया : सदर जदयू विधायक पूनम देवी यादव ने जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर खगड़िया जिला जनता दल यूनाइटेड के रूठे-नाराज वरीय व पुराने साथियों को पार्टी में ससम्मान वापस बुलाकर जिम्मेवारी देने का अनुरोध किया है।
श्रीमती यादव ने पत्र के जरिये कहा है कि प्रदेश में विधान सभा चुनाव के माहौल में दलीय गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुराने समर्पित और वरिष्ठ साथी दल से विमुख हैं। लगातार प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में उनका प्रतिक्रिया देखने को मिल रहा है। जदयू के वरिष्ठ साथी रूठे व क्षुब्ध हैं, किन्तु वे सभी आपके प्रति काफी सम्मान रखते हैं। नाराजगी इस बात की है कि वर्तमान खगड़िया जदयू के जिला अध्यक्ष पार्टी संगठन चुनाव मतदान के दौरान बब्लू मंडल जिला अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए थे और पूर्व विधान परिषद् सदस्य सोनेलाल मेहता बूरी तरह से हार गये।
परन्तु पार्टी के प्रदेश स्तर से हारे हुए पूर्व विधान परिषद् सदस्य सोनेलाल मेहता को खगड़िया जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया, जिसके कारण बब्लू मंडल, अरविन्द मोहन, राजकुमार फोगला, सुनील कुमार, सुमित कुमार सिंह, रंजना कुमारी, विजय शर्मा, पुरुषोत्तम अग्रवाल, पंकज कुमार गुप्ता, चन्द्रेश्वर नागर,विनय कुमार यादव, पंकज कुमार पाठक, अनीता देवी, ललिता देवी, चांदनी देवी, प्रमिला देवी, मानव देवी, राजीव कुमार, शैलेश कुमार, मनीष कुमार, राज करण,विमल चौधरी, बुलबुल चौधरी, मदन कुमार वर्मा, भिखारी महतों, सौरव महतों, मनोज कुमार, अर्जुन सिंह, पंकज कुमार, अभिषेक कुमार, गुलशन कुमार, विजय कुमार, सुरेश पाठक,बिट्टू कुमार, शैलेश वर्मा, गुड्डू वर्मा, संजय शर्मा, वीरेन्द्र चौरसिया, नन्दू राम एवं अविनाश कुमार आदि कई वरिष्ठ और पार्टी के वफादार साथी दल से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कहा है कि उन वफादार साथी को मनाने के लिए पार्टी के द्वारा कोई मजबूत व सार्थक पहल अबतक नहीं किया गया है, जिससे पार्टी का बड़ा नुकसान हो रहा है। यादव ने अंत में उक्त सभी नाराज चल रहे वरिष्ठ व पुराने पार्टी नेताओं को पटना बुलाकर उनकी बातों को सुनकर दल में सक्रिय जिम्मेवारी दिलवाने का अनुरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से करते हुए लिखा है कि यदि इन पार्टी से रूठे पुराने साथियों को वापस नहीं लाया जाता है तो इनसे हो रही नुकसान की भरपाई चापलूस लोगों के भरोसे करना असंभव है।
अनीश कुमार
कोशी की आस@खगड़िया