किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में ईंट भट्ठा मालिक बाल श्रमिकों से लगातार काम ले रहे है। जहाँ सरकार बाल श्रमिक अधिनियम के तहत बाल श्रमिकों को काम पर लगाने वाले मालिकों एवं बच्चों के अभिभावकों पर कार्रवाई करने के बात कर रही है। वहीं खुलेआम बच्चों से ईंट भट्ठा में काम लिया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्चों की मजबूरी है कि वे अपने माँ-बाप का कहना माने या सरकार द्वारा चलाई जा रही अभियान का हिस्सा बने। उन्हें तो पढ़ाई-लिखाई से कोई सरोकार नहीं है। ईटभट्ठा में काम मिल रहा है, माँ-बाप को उनकी मजदूरी मिल रहा है और ईट भट्ठा मालिकों को कम दामों में मजदूर।
आखिर सरकार क्या चाह रही है? इससे किसी को कोई सरोकार नहीं है। सरकार भले ही बाल श्रमिकों के लिए कठोर कानून बनाया है या फिर उनके लिए तरह-तरह की सुविधाएँ देने का प्रबंध कर रही है। उन्हें इससे कोई लेना देना नहीं है। बस वे मस्ती से ईंट भट्ठा में काम कर रहे है।
अबू फ़रहान छोटू
कोशी की आस@किशनगंज