अबू फरहान छोटू
कोसी की आस@ टेढ़ागाछ, किशनगंज
विधालय एवं आंगनवाड़ी केंद्रों की हालत दयनीय है। इसके लिए शिक्षक एवं आंगनबाड़ी सेविका सहित संबंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं। उक्त बातें प्रखंड प्रमुख मिस्बाबुल हक ने बुधवार को विधालय एवं आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि विधालय में शिक्षकों के नहीं रहने से एक ओर जहां शिक्षा पर बुरा असर पर रहा है वहीं सेविका भी बच्चे पर ध्यान नहीं दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि कई विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि स्थिति काफी चिंताजनक हैं।शिक्षक समय पर नहीं आते और विद्यालय का मनमानी तरीक़े से संचालन किया जाता हैं। विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं।
सेविकाएं पोशाहार का तो उठाव करती है परंतु वह सही रूप से ना तो बच्चों को पोशाहार खिलाती है और ना ही वितरण करती हैं।आंगनबाड़ी केंद्र संखिया 31 मुखिया टोला पीपरा में केंद्र बन्द था । सेविका माकेला खातून उपस्थित थे केंद्र में एक भी बच्चे उपस्थित नहीं थे दो तीन दिन से पोशाहार नहीं खिलाया गया है। मदरसा झुनकी बैसा टोली में कुल शिक्षक पांच हैं। जिसमें से दो शिक्षक अनुपस्थित थे। कुल नामाकन 128 के जगह 12 बच्चे महज उपस्थित थे और मेनू के हिसाब के मध्याह्न भोजन बच्चे को नहीं खिलाया गया। वहीं प्रथमिक विद्यालय बैसा टोली में दो शिक्षक हैं। एक शिक्षक उपस्थित थे और 80 बच्चे में 21 बच्चे हाजिर थे।
वहीं नया प्रथमिक विद्यालय बैसा टोली काल्पिर में 3 शिक्षक कार्यरत है जिसमें से केवल एक महिला शिक्षिका उपस्थित थी और मेन्यू के हिसाब से मध्याह्न भोजन भी बच्चों को नहीं खिलाया गया और विद्यालय में कचरा का अम्बार देखने को मिला।
स्कूल में बच्चे के साथ साथ मवेशी भी बरामदे में बांधी हुई थी। उत्क्रमित मध्य विद्यालय का हाल बेहाल देखने को मिला 9 शिक्षक में केवल तीन शिक्षक उपस्थित थे पांच शिक्षक छुट्टी में थे और एक शिक्षक बिना सूचना के गायब मिले। वहीं स्कूल में 204 बच्चे का नामाकन है केवल 20 बच्चे अपस्थित थे।
और दिन के एक बजे तक बच्चों का हाजरी भी नहीं बनाया गया था और बच्चे खड़े होकर मध्याह्न भोजन कर रहे थे भोजन में सिर्फ खिचड़ी बिना दाल का बच्चों को परोसा गया। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक मनमानी तरीके से स्कूल का संचालन करते है
अक्सर स्कूल 12 बजे तक बन्द हो जाती है और शिक्षक रोजाना स्कूल नहीं आते हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालय हटगांव में 10 शिक्षक है केवल दो शिक्षक उपस्थित थे। ढाई बजे स्कूल में बन्द था।स्थानीय ग्रामीणों के शिकायत के बाद विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया स्थिति काफी चिंताजनक हैं।
स्कूल में शिक्षक समय पर नहीं आते और समय से पहले विद्यालय बन्द हो जाती हैं। मेनू के हिसाब से बच्चों को भोजन नहीं दिया जाता है जो गंभीर मामला हैं। संबंधित अधिकारी की मिलीभगत से हाल बेहाल हो गया हैं। कारवाई के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा जाएगा।