टेढ़ागाछ, किशनगंज के 150 आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ कागज पर ही संचालित हो रहे हैं-प्रखंड प्रमुख मिस्बाबुल

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अबू फरहान छोटू

कोसी की आस@टेढ़ागाछ,किशनगंज

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किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के समेकित बाल विकास परियोजना के लगभग 150 आंगनबाड़ी केंद्र धरातल पर नहीं सिर्फ कागज पर ही संचालित हो रहे हैं, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है। इसका हाल ए आलम यह है कि यह भगवान भरोसे चल रहे है, ऐसा प्रतीत होता है। राज्य सरकार ने एक तरफ बाल कुपोषण मुक्त बिहार अभियान को लेकर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। वहीं दूसरी तरफ विभाग के बाबुओं द्वारा कुपोषित बच्चों व महिलाओं के हित में हकमारी कर सम्बंधित कर्मी और अधिकारी खुद पोषित हो रहे हैं।

उक्त बातें प्रखंड प्रमुख मिस्बाबुल ने आंगनवाड़ी केंद्र जांच के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बाल कुपोषण मुक्त बिहार बनाने के उद्देश्य से राज्य भर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर निर्मित पोषाहार की मात्रा एवं मेन्यू के प्रत्येक दिन पर 40 बच्चों को खिचड़ी, पुलाव, हलवा, रसिया तथा पोषाहार में मौसमी फल, बिस्किट, चॉकलेट, चूड़ा, गुड़ देना है। अधिकतर केंद्र पर नाम मात्र .दो से लेकर 12 बच्चे उपस्थित रहते है। यहां प्रखंड क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं की मनमानी चरम पर है। जहां आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बद से बदतर हो गयी है। केंद्रों में अनियमितता, मनमानी, अंडा आपूर्ति में हेराफेरी सहित कई घालमेल केन्द्रों की पर्याय बन गयी है। विभाग इस दिशा में पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। प्रखंड क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति कम दिख रही है। इसका मुख्य कारण पोषाहार के नाम पर मिलने वाली राशि की बंदरबाट के वजह से हालत दयनीय है। इसी वजह से केंद्र की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही हैं।

स्थानीय ग्रामीण बताते है कि सेविका की मनमानी की शिकायत करते-करते लाभुक क्षेत्र के लोग थक चुके हैं। लोगों का कहना है कि सेविका साफ कहती है कि जांच व शिकायत से कुछ नहीं होगा। बिहार सरकार द्वारा परियोजना में मिलने वाली सुविधा में भी उचित लाभार्थी को देने में कटौती की जाती है, जबकि सरकारी स्तर पर विभाग द्वारा इसके नियंत्रण, देखरेख के लिए सुपरवाइजर व सीडीपीओ भी है, पर नियंत्रण पर रोकथाम तो दूर इसमें लूटखसोट जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों की शिकायत कई बार विभाग के पदाधिकारी एवं अधिकारी को लिखित शिकायत एवं दूरभाष पर की गई पर आजतक कोई पदाधिकारी आंगनबाड़ी केंद्र झांकने तक नही आये। आंगनबाड़ी केंद्र पर सेविका की मनमर्जी से आंगनबाड़ी केंद्र मनमानी ढंग से खुलता हैं एवं बंद होता हैं। बच्चे को साप्ताहिक पूरक पोषाहार नहीं दिया जा रहा है वही टेक होम राशन लाभर्थियों को ससमय नहीं मिल रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका के पति ही विभागीय कागजी काम कर के आंगनबाड़ी चलते है। प्रखंड प्रमुख मिस्बाबुल के द्वारा जांच के दौरान कई आंगनवाड़ी केंद्रों में अनिमियता उजगार हुई है। झुनकी मुशहरा के प्रमुख टोला कजलेटा केंद्र संखिया 41 में केवल 15 बच्चे उपस्थित थे। वही केंद्र संख्या 72 वार्ड नम्बर 5 खर्रा में दस बजकर अड़तालीस में कुल दो बच्चे उपस्थित थे। बच्चों के लिए पोशाहार नही बनाया गया था साथ ही टेक होम राशन का भी वितरण नही किया गया था।वही केंद्र संखिया 66 पंचायत हवकोल में 10 बच्चे उपस्थित थे।मेनू के हिसाब से आज रसिया और अंडा बनना था लेकिन केंद्र में खिचड़ी बनाई गई थी। यहां भी टेक होम राशन का वितरण नही किया गया था सेविका से पूछने पर उन्होंने बताई की समान खरीद कर बाटेंगे। वही केंद्र संखिया 61 वार्ड नम्बर दस हवकोल में 12 बच्चे उपस्थित थे। दिन के एक बजे तक टेक होम राशन का वितरण नही किया गया था। किसी भी केंद्र में महिला पर्यवेक्षिका मौजूद नही थी।

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