जिला स्वास्थ्य समिति व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के संयुक्त तत्तावधान में आईसीसी- बीसीसी की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल सरयुग में किया गया। इस कार्यशाला में प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य प्रबंधकों को आईईसी और बीसीसी के प्रमुख माध्यमों प्रिंट मीडिया, नुक्कड़ नाटकों, आडियो, वीडियो व सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी गयी। साथ ही इन माध्यमों के इस्तेमाल से अपने- अपने क्षेत्रों में आमलोगों तक रोग संबंधी सूचनाओं व स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारी बेहतर तरीके से पहुंचाने संबंधी बातों का प्रशिक्षण दिया गया।
संचार के विभिन्न विधाओं पर दी गयी जानकारी
कार्यशाला के पहले दिन डीआईओ अशोक कुमार भारती व जिला कार्यक्रम प्रबन्धक मो॰ खालिद हुसैन ने प्रतिभागियों को स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सफलता में संचार की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस दौरान चार विधाओं नुक्कड़ नाटक, प्रिंट मीडिया, आडियो- वीडियो और सोशल मीडिया के आधार पर प्रतिभागियों को चार समूहों में बांटकर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला के अंतिम दिन प्रतिभागियों ने इन विधाओं का प्रस्तुतिकरण भी किया।
कार्यशाला के अंतिम दिन सोशल मीडिया ग्रुप ने फेसबुक, व्हाटसऐप और ट्विटर के माध्यम से जानकारी देने की बात कही. ग्रुप ने बताया कि इन सोशल मीडिया के माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों तक फोटो, आडियो और वीडियो के माध्यम से रोग और स्वास्थ्य योजनाओं संबंधी जरूरी जानकारी व संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. सोशल मीडिया ग्रुप ने फेसबुक पेज बनाने और इस्टांग्राम आदि की भी जानकारी दी।
स्वास्थ्य कर्मियों ने सीखे संचार के गुर
प्रिंट मीडिया ग्रुप ने अखबारों की महत्ता पर जानकारी दी। प्रिंट मीडिया ग्रुप के सदस्यों ने आशा वर्करों के संघर्ष का वर्णन किया और बताया कि आशा वर्कर परिवार नियोजन के लिए महत्वपूर्ण काम करती हैं। घर- घर तक परिवार नियोजन संबंधी जानकारी पहुंचाने में आशा वर्करों का महत्वपूर्ण भूमिका है. प्रिंट मीडिया ग्रुप ने मातृत्व स्वास्थ्य विषय आधारित स्वास्थ्य दर्पण नामक एक मैगजीन का प्रारूप भी बना कर प्रतिभागियों के समक्ष प्रदर्शित किया। इस मैगजीन में स्वास्थ्य संबंधी कई पहलुओं की जानकारी दी गयी।
बताया गया कि विज्ञापन के माध्यम से भी स्वास्थ्य जानकारी लोगों तक पहुंचायी जाती है। नुक्कड़ नाटक ग्रुप ने नियमित टीकाकरण और मिशन इंद्रधनुष विषय पर नाटक का मंचन किया। नाटक के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता की जानकारी देते हुए शिशु के लिए मां के दूध की महत्ता बतायी गयी। साथ की कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों जैसे टीबी के फैलने के कारणों की भी जानकारी दी गयी। ग्रुप ने नाटक का मंचन कर बताया कि लापरवाही के कारण बीमारी फैलती है। सिगरेट व तंबाकू के नुकसान की भी जानकारी दी गयी। साथ ही शौचालय के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। शौचालय के बाद सही तरीके से हाथ धोने की आवश्यकता पर जोर दिया। आडियो वीडियो ग्रुप ने परिवार नियोजन पर मोबाइल से फिल्म बना कर प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया।
फिल्म के माध्यम से पुरुषों के नसबंदी संबंधी जानकारी देते हुए सभी भ्रामकता के विषय में चर्चा की गयी। पुरुषों को भी गर्भनिरोधक साधनों के इस्तेमाल की राय दी गयी। वीडियो में प्रतिभागियों द्वारा ही विभिन्न किरदारों का भी मंचन किया गया था जिसे उपस्थित लोगों ने काफी सराहा। प्रशिक्षण कार्यशाला का संचालन सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के राज्य प्रबन्धक रणविजय कुमार ने किया। उन्होने मीडिया को स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं समुदाय के बीच की मजबूत कड़ी बताया। साथ ही बेहतर संचार के तकनीकों का इस्तेमाल करते हुये स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने पर ज़ोर दिया।