मधेपुरा : विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही आलमनगर विधानसभा से लगातार 25 वर्षों से विधायक रहे और वर्तमान में बिहार सरकार के क़ानून और लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव को अचानक क्षेत्र में विकास किये जाने का ख़याल आने लगा। उन्होंने चुनावी चहल-पहल के बीच 5 काम करने का नया वादा कर लिया।
निवर्तमान विधायक और बिहार सरकार के क़ानून और लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के तथाकथित 5 नए वादों का जवाब दिया है, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के युवा जिला अध्यक्ष आशीष कुमार बाबुल ने।
पहला वादा : क्षेत्र को बाढ़ के समस्या से निजात दिलवाने का करूंगा प्रयास!
जवाब – मंत्री जी, आप इस क्षेत्र का विधायक हैं और बिहार सरकार में मंत्री भी है। बाढ़ से हर साल करोड़ों का नुकसान होता है, कोशी नदी के कटाव के कारण बहुत परिवार उजर गये, हर साल हजारों एकड़ जमीन कोशी में समा जा रही है। प्रत्येक वर्ष सैकड़ों घर को कोशी अपनी गोद में ले लेती है, लेकिन इस संबंध में आज तक आप क्या किया? कुछ नहीं! यहां तक कि बाढ़ आश्रय स्थल जो बना है, वो भी बाढ़ से घिरा हुआ है, बाढ़ आश्रय स्थल जाने का रास्ता तक नहीं है। आखिर क्यूं, निचले हिस्से में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण किया गया? सिर्फ खाना पूर्ति के लिए। आलमनगर बाजार बरसात में नरक का एहसास दिलाता है, जिस क्षेत्र का विधायक 25 साल से एक ही व्यक्ति हो, जो 10 साल से ज्यादा बिहार सरकार में मंत्री रहा हो उनके क्षेत्र का ये हाल, बेहद शर्म की बात है!
दूसरा वादा : संकर मक्का आधारित उद्योग का स्थापना!
जवाब – मंत्री जी, पूरे बिहार में सबसे ज्यादा मक्का की खेती अगर कहीं होता है तो वह क्षेत्र है कोशी का दियरा। आलमनगर के ज्यादातर किसान मक्का के खेती पर ही निर्भर है, यूँ तो सर्वप्रथम किसान नकली बीज से परेशान रहते हैं और जब मक्का का फसल तैयार हो जाता है तो उसको बेचने को परेशान रहते हैं, सरकार रेट तो तय कर देती है लेकिन उस दर पर कोई खरीददार नहीं रहता और न ही सरकार की कोई इस संबंध में ठोस व्यवस्था है, जिसके कारण किसान औने-पौने दाम में मक्का बेच रहे हैं। आप उद्योग की बात करते हैं, पहले सरकारी दर पर मक्का के खरीददारी की व्यवस्था सही की जाए, जैसे धान सरकार खरीदती है, वैसे ही मक्का की भी खरीदी होनी चाहिए, जिसके लिए आजतक आपके द्वारा कोई काम नहीं किया गया है।
तीसरा वादा : हरखेत को पटवन के बोरींग की व्यवस्था!
जवाब – मंत्री जी, जहाँ बोरिंग की व्यवस्था है, पहले वहाँ की स्थिति का पता कीजिए एग्रीकल्चर फीडर में कितना बिजली किसान को मिलता है। आपको पता नहीं होगा, तो लोग केसे भरोसा करेगा कि आप ऐसा कैसे कर पायेंगे?
चौथा वादा : सड़क चौड़ीकरण का काम किया जाएगा!
जवाब – मंत्री जी, यहां तो जो सड़क 2-3 साल पहले बना है, महज़ इतने कम समय में जर्जर हो चुका है और आये दिन आमजनमानस इससे परेशान हैं। अतः चौड़ीकरण तो बाद में, पहले क्षेत्र की सड़कों को उस पर चलने लायक़ तो बनवा दीजिये। दो सड़क का हम आपको नाम बता रहें हैं समय हो तो कभी दौरा कर के देख लीजिएगा बैजनाथपुर से बसगरहा और खुरहान से झंझरी, दोनों सड़क बहुत कम समय में भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गया।
पांचवाँ वादा : नये रेलवे लाइन बिछाने का प्रयास।
जवाब – मंत्री जी, इसको कहते हैं चुनावी लॉलीपॉप, जो अब हर कोई समझता है, आप कानून मंत्री है, आपके क्षेत्र में कानून व्यवस्था सबसे खराब है। आपको इस पर ध्यान देना चाहिए, चारों तरफ लूट मचा है। नीतीश कुमार के सरकार की तथाकथित सबसे महत्वाकांक्षी योजना “नल जल योजना”। कभी घूम कर देखिए तो पता चलेगा कि यह योजना भी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुका है। लेकिन कभी आपने देखने की कोशिश नहीं किया या फ़िर अनदेखी किया है और अब जब चुनाव का वक़्त आया तो आपको विकास नजर आने लगा है।
राहुल यादव
कोशी की आस@मधेपुरा