मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड कार्यालय परिसर में दर्जनों लोगों ने बाढ़ सहायता राशि के वितरण में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले लाभुकों में फुलौत, मोरसंडा, चिरौरी तथा पैना पंचायत के लोग शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महीना बीत जाने के बाद भी बाढ़ राहत सहायता राशि नहीं मिलने से ब्लॉक का चक्कर लगा रहे। बिहार सरकार के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित परिवार को ₹6000 प्रति परिवार देने की घोषणा की गई थी, जिसके बाद कुछ परिवार के खाते में बाढ़ राहत राशि पहुंची भी।
वहीं यह भी बताया जा रहा है कि लोग फर्जी तरीके से छोटे-छोटे बच्चों के खाते में प्रतिनिधि की मिलीभगत से बाढ़ राहत सहायता राशि का अनुचित लाभ लिया गया। मालूम हो कि गड़बड़ी की शिकायत मिलते के बाद मामला उच्च पदाधिकारियों तक पहुचा। जिससे प्रशासन सख्त हुई तथा संबंधित मामले की जांच पड़ताल की गई तथा सही लोगों तक राशि पहुचने की बात की गई।
लेकिन अभी भी बाढ़ पीड़ित परिवार के बैंक खाते में राशि नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश है। प्रदर्शनकारी कैलाश शर्मा, रामजी ठाकुर, झकन शर्मा, संजय शर्मा, उमेश शर्मा, उमेश मंडल, काली देवी, रेनू देवी, अनीता देवी, कारी देवी, जूना देवी, मंजू देवी, रश्मि देवी,सुगिया देवी, सुनो देवी ,लाखों देवी, भंवरी देवी, काजल देवी ,सुगनी देवी, दर्जनों लोगों ने कहा कि बाढ़ के समय चूड़ा चना प्लास्टिक प्रखंड परिसर से ही मुहैया कराया गया तथा सरकार के द्वारा दिए जाने वाले ₹6000 रुपये का अभी तक हम लोगों को भुगतान नहीं किया गया है।
उनलोगों ने बताया कि जनप्रतिनिधि ने जो लिस्ट बनाया था, उसमें प्रतिनिधि से लेकर प्रखंड कार्यालय के डाटा ऑपरेटर तक के संलिप्त थे। ग्रामीणों का आरोप है कि इस संबंध में प्रखंड प्रमुख शम्भू प्रसाद यादव को कई बार जानकारी देने के बाद उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जल्दी आप लोगों को बाढ़ राहत राशि मिल जाएगी लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला। हम लोग ब्लॉक का चक्कर लगा लगा कर थक गए हैं।
राहुल यादव
कोशी की आस@मधेपुरा