मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज मुख्यालय स्थित काँग्रेस जिला महासचिव प्रोफेसर प्रकाश मिश्र के आवास पर “मैं हुँ उदाकिशुनगंज” के बैनर तले रविवार को उपकारा अधीक्षक डॉ दीपक कुमार के स्थानांतरण पर पूर्व प्रमुख विकास चंद्र यादव के अध्यक्षता में विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता बसंत कुमार झा ने किया।
मौके पर “मैं हुँ उदाकिशुनगंज” के सारे सदस्यों ने कारा अधीक्षक को पुष्पगुच्छ व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने बारी-बारी से कारा अधीक्षक डाॅ दीपक कुमार के कार्यकाल के दौरान जेल में उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
पूर्व जिप सदस्य अमलेश राय ने कहा कि जेल में कैदियों के सुधार के लिए इन्होंने जो प्रयत्न किए हैं वह सराहनीय है। अधिवक्ता विनोद आजाद और सिकन्दर प्रसाद सुमन ने अपने संबोधन में कहा कि जेल में विकसित हरित भारत मानचित्र लोकार्पण, साक्षरता कार्यक्रम, शैक्षणिक गतिविधि और धन्वंतरि पार्क का निर्माण जैसे अनेकानेक कार्य कैदियों के सुधार के लिए करके कारा अधीक्षक ने जो सार्थक प्रयास किए हैं उदाकिशुनगंज के लोग सदैव याद रखेगी।
अधिवक्ता सह पूर्व प्रमुख डाँ धीरेंद्र यादव और कुंदन घोषई वाला ने कहा कि कैदियों के सुधार की दिशा में आने वाले कारा अधीक्षक को डॉ दीपक कुमार जैसे कारा अधीक्षक से सीख लेनी होगी। अगर सभी कारा अधीक्षक कैदियों के सुधार हेतु इस तरह के सार्थक प्रयास करने शुरू कर दे अंगुलिमाल जैसे सरीखे डाकू भी बाल्मीकि बनने में देर नहीं लगाएंगे।
स्थानांतरण पर विदाई सह सम्मान समारोह में कारा अधीक्षक डॉ दीपक कुमार ने कहा कि मेरा पहला पदस्थापन उदाकिशुनगंज जेल में उप कारा अधीक्षक के रूप में हुई थी। हमने 14 दिसंबर 2019 को उदाकिशुनगंज में कारा अधीक्षक के रूप में योगदान दिया था और हमारा स्थानांतरण 4 फरवरी 2021 को हुआ। करीब 1 साल डेढ़ माह के कार्यकाल में उदाकिशुनगंज जेल को सजाने संवारने, शैक्षणिक गतिविधि, सांस्कृतिक गतिविधि, बंदियों के सुधार हेतु साक्षरता अभियान सहित बंदियों के खाने-पीने की सुदृढ व्यवस्था पर हमने सारी ऊर्जा झोंक दी है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने यह सब कार्यक्रम सिर्फ कैदियों के सुधार लाने के लिए की है अगर हमारे प्रयास से कुछ एक कैदी भी अच्छे राह पर निकल पड़ेंगे तो हम समझेंगे हमारी कोशिश कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि कैदी भी एक इंसान होता है। कोई जन्म से अपने साथ गुनाह लेकर नहीं आता है। वक्त परिस्थिति के अनुसार लोग गुनाहगार होते हैं। वह परेशान तंगहाल होकर गुनाह कर बैठे हैं और जेल आ जाते हैं। हमारा मानना है अगर जेल में उनको अच्छी राह और रास्ता दिखाई जाए तो कैदी भी जेल से निकलने के बाद अच्छे इंसानों जैसी अपनी जिंदगी गुजर बसर कर सकती है और अपराध के राह से तौबा कर सकती है।
कार्यक्रम उपरांत कारा अधीक्षक डॉ दीपक कुमार ने उपस्थित लोगों के साथ वृक्षारोपण कर पर्यावरण को बचाने का भी संदेश दिया। मौके पर प्रो प्रकाश मिश्र, डॉ विनीत कुमार, अनिल कुमार गुप्ता, अधिवक्ता विनोद आजाद, धीरेंद्र यादव, राहुल यादव, कुंदन घोषई, कुजबिहारी शास्त्री , व्यास कुमार, सिकंदर प्रसाद सुमन, अन्नु देवी, अरुण कुशवाहा, अभिषेक आचार्य, रजनीकांत ठाकुर, राहुल कुमार आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त कर जेल अधीक्षक के कार्यशैली का सराहना किया।
राहुल यादव
कोशी की आस@मधेपुरा