मधेपुरा: जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीना ने सोमवार को अनाज गोदाम की जांच की। इस दौरान डीएम ने सबसे पहले गोदाम में रखे गेंहू और चावल की गुणवत्ता को परखा। अनाज की क्वालिटी को देखकर डीएम दंग रह गए साथ ही क्वालिटी से डीएम काफी नाराज दिखे। जिस वक्त डीएम गोदाम की जांच कर रहे थे उस वक्त एजीएम मौजूद नहीं थे।
अन्य अधिकारी के द्वारा फोन कर एजीएम को बुलाया गया। एजीएम के पहुंचने से मौजूद कर्मचारी से अनाज के बारें में जानकारी ली और फिर स्टाक पंजी मंगाया। डीएम साहब गोदाम के अंदर ही कुर्सी लगाकर बैठ गए और वहां घंटो पड़ताल की। उसके बाद जिलाधिकारी बिहारीगंज के राईस मील की जांच करने पहुंच गए और नसीम और स्वाति राईस मील की जांच की। वस्तुतः इन्हीं दोनों राईस मील से गोदाम में चावल की आपूर्ति की गई थी,मील चालू पाया गया और मील में चावल की गुणवत्ता ठीक पाया गया।
फिर जिलाधिकारी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि यदि मील में चावल ठीक है, तो फिर गोदाम तक गड़बड़ चावल और गेंहू कैसे पहुंच गया। इस मामले की जांच करने का आदेश उन्होंने बीडीओ को दिया साथ ही उन्होंने अनाज उठाव को लेकर भी नराजगी जताई। उनका कहना था कि इस माह लोगों को मुफ्त में अनाज मिलना है। उठाव कि स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण शत प्रतिशत वितरण सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है। बताया गया कि ग्वालपाड़ा और उदाकिशुनगंज प्रखंड में 70 प्रतिशत ही अनाज का उठाव हो पाया है। इसकी वजह बताया गया कि परिवहन अभिकर्ता अनाज उठाव के लिए वाहन उपलब्ध कराने में असक्षम साबित हो रहा है।
वहीं मजदूर की कमी भी बताई गई। गोदाम से लेकर प्रखंड कार्यालय की सड़क एसएफसी द्वारा बनाया जाना है। सड़क निर्माण के लिए एसएफसी को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी मिल चुका है। यधपि एसएफसी सड़क निर्माण नहीं करा रही है। इसे लेकर डीएम ने मोबाइल पर संबंधित अधिकारी को फटकार लागाई। चुंकि गोदाम के पास की स्थिति को देखकर जिलाधिकारी खासे नाराज दिखे। मौके पर एसडीएम राजीव रंजन कुमार सिन्हा,बीडीओ प्रभात केसरी, सीओ विजय कुमार राय, आदि मौजूद थे।
प्रीतम कुमार
कोशी की आस@उदाकिशुनगंज, मधेपुरा