बिहार में ख़ासकर कोशी क्षेत्र में इनदिनों कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य समस्या के मद्देनजर स्थानीय लोगों और युवाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा उप-स्वास्थ्य केंद्र को चालू कराने का जो अभियान चलाया जा रहा है, वह इस मुश्किल वक्त में एक सकून देने वाला खबर है।
युवाओं द्वारा विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा उप-स्वास्थ्य केंद्र को चालू कराने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अभियान चलाया जा रहा है। ट्विटर पर यह अभियान लगातार ट्रेंड कर रहा है।
उसी कड़ी में आज हम मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत शाहजादपुर स्थित प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केंद्र की बात कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो काफ़ी पुराने इस अस्पताल में 25-30 वर्ष पहले डॉक्टर बैठते थे, उसके बाद डॉक्टर का आना बंद हो गया लेकिन एक कम्पाउंडर शर्मा जी की पोस्टिंग यहाँ थी। अस्पताल खंढ़र में तब्दील हो गया लोग उसके खिड़की-दरवाजा तोड़ कर ले गए और अस्पताल में आसपास के लोग भूसा, गोइठा आदि रखने लगे।
ग्रामीणों के अनुसार गाँव में चिकित्सा सेवा की कमी में एक मात्र सहारा उस वक़्त कम्पाउंडर साहब थे, जो कम-से-कम अस्पताल में ठीक व्यवस्था नहीं होने पर अपने घर से ही लोगों को मदद करते थे लेकिन इस वाकये का भी लगभग 25 वर्ष बीत गया, वे सेवानिवृत्त हो गए और फिर दुबारा कोई नहीं आया।
कोशी की आस से बातचीत में स्थानीय युवा और राजपा नेता आशीष कुमार बाबुल ने बताया कि पुराना अस्पताल भवन बिल्कुल नष्ट हो गया और लगभग 12-15 वर्ष पहले एक छोटा सा नया भवन बनाया गया, जो आज तक कभी खुला ही नहीं।
उन्होंने आगे बताया कि लगभग पांच-छः साल से यहां एएनएम बहाल है लेकिन ना तो कभी आती है और ना ही कभी इसका ताला खुलता है। तस्वीरों में आप साफ़-साफ़ तथाकथित शाहजादपुर स्थित प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केंद्र की बदतर स्थिति देख सकते हैं, चारों ओर फसल लगा दिया गया है यहाँ तक कि अस्पताल के अंदर जाने के लिए रास्ता तक भी नहीं छोड़ा गया है।
श्री आशीष ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि इसे जल्द चालू करवाया जाय ताकि वर्तमान महामारी के दौर में अधिक-से-अधिक लोगों को सामान्य चिकिस्तकीय परामर्श गाँव में ही मिल सके। एएनएम के गाँव में ही नियमित रूप से बैठने की व्यवस्था के संबंध में श्री आशीष ने जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात किया तो उन्होंने अभी कोरोना जाँच और टीकाकरण का हवाला देते हुए असमर्थता जताई लेकिन आश्वासन दिया कि कोरोना के मामले में सुधार के बाद उसकी व्यवस्था की जाएगी।
स्पेशल डेस्क
कोशी की आस@नई दिल्ली