मुंगेर – आयुष्मान भारत योजना के तहत जिला के जमालपुर के इंद्ररूख पश्चिमी में शनिवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का उद्धाटन किया गया। यह उद्धाटन मंत्री शैलेश कुमार ने किया। उनके साथ प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, मुखिया व पंचायती राज संस्था के स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद थे। मंत्री शैलेश कुमार ने इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा इस हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को रामज्योति स्वास्थ्य उपकेंद्र के नाम से भी जाना जायेगा।
उन्होंने आगे बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र बनने से यहां के आसपास ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काफी सुविधाएं मिल सकेंगी। सरकार निरंतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर काम कर रही है। अधिक से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं मिली यहीं लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया गया है। इससे यहां के लोगों को काफी लाभ मिल सकेगा। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से भी भेंट की और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी प्राप्त किया। लोगों ने उन्हें बताया स्वास्थ्य उपकेंद्रों के अलावा आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड बनाये जाने की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए अधिक से अधिक संख्या में गोल्डन कार्ड बनाये जाये।
2022 तक 1.5 लाख से अधिक होंगे देश में हेल्थ सेंटर
वर्ष 2022 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के शुरू होने का लक्ष्य दिया है। ऐसे में राज्यों को सलाह दी जा रही है कि वे ज्यादा से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को खोल मधुमेह, कैंसर और योग पर काम करें। आयुष मंत्रालय के अनुसार पीएमओ ने करीब 12 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के शुरू कराने की जिम्मेदारी दी है। जहां मधुमेह से लेकर कैंसर की जांच इत्यादि तक की सुविधा होगी। यहां भी हाइपरटेंशन और मधुमेह रोगियों को उपचार मिल सकेगा।
जानकारी के मुताबिक भारतीय वैज्ञानिकों के शोध से तैयार सरकार की बीजीआर-34 जैसी दवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा।मंत्रालय के अनुसार अब तक देशभर में 24,400 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा चुके हैं जिनमें तीन करोड़ से भी ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। इन सेंटरों पर सरकार अब तक 3 लाख योग सत्र आयोजित करा चुकी है। जबकि 82 लाख ब्रेस्ट कैंसर, 49 लाख सवाईकल और 1 करोड़ 22 लाख से ज्यादा लोगों में ओरल कैंसर की जांच की जा चुकी है। इनके अलावा 69 लाख 41 हजार हाइपरटेंशन के रोगियों को पंजीकृत कर उपचार दिया जा रहा है। वहीं 38 लाख 17 हजार डायबिटीज रोगियों को यहां निशुल्क उपचार मिल रहा है।