लॉकडॉउन में पुलिस की मदद से हो रहा कानून का उलंघन, पुलिस वाले ही कर रहे कानून को तार-तार।

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विवेक कुमार यादव

कोशी की आस@पटना

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जिले अंतर्गत मोकामा थाने के पुलिसकर्मियों के द्वारा लगातार लॉकडाउन के नाम पर आवश्यक सामान लेने जा रहे लोगों पर लाठियां चलाने की सूचना मिल रही है। वहीं साथ में यह भी जानकारी मिल रही है कि पुलिसकर्मियों के मिलीभगत से किराना दुकानदार कालाबाजारी भी कर रहे हैं।

इस सम्बन्ध में जब दर्पण समाचार के संवाददाता विक्रांत ने मोकामा थाने के सिपाही बैच न. 8090 से पूछा तो सिपाही ने विक्रांत पर डंडा चला दिया और गंदी-गंदी गालियां देने लगा। आम लोगों का कहना है कि लोगों को उनके घर के दरवाजे पर रहने पर भी पुलिसकर्मियों के द्वारा डंडा चलाया जा रहा है। राशन और जरूरी दवाइयां लाने बाजार निकलने वालों को भी बगैर पूछताछ के पिटाई की जा रही है।

ज्ञात हो कि सरकार के द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि लोग राशन और दवाइयों के लिए बाजार जा सकते हैं। इसी बीच चैत्र नवरात्र शुरू हो चुकी है और इस महापर्व की तैयारी में श्रद्धालु लग चुके हैं। सरकार को शीघ्र मोकामा पुलिस को आवश्यक दिशा निर्देश देने की जरूरत है। यदि मोकामा पुलिस द्वारा इस तरह की हरकत होती रही तो लोग कोरोना से तो बाद में, भूख से पहले मर जाएंगे। इस सम्बन्ध में जब मोकामा थाना प्रभारी राजनंदन सिंह से विक्रांत ने बात की तो उन्होंने कहा कि उस सिपाही को पता नहीं होगा कि आप पत्रकार हैं। साथ ही साथ उन्होंने उससे बात करने की बात कह मामले को टाल दिया। ऐसे में क्या समझा जाए कि किसी आम आदमी को जो घर के जरूरत का सामान लाने बाजार गया हो उसके साथ पुलिस गाली-गलौज, उसकी पिटाई सहित कोई भी गलत व्यवहार कर सकती है। इससे समझा जा सकता है कि पुलिस एक आम आदमी को क्या समझती है।

एक तरफ प्रदेश के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे कहते हैं कि पुलिस, आम लोगों के साथ फ्रेंडली रहे। वहीं मोकामा पुलिस का रवैया जब पत्रकारों के लिए अमानवीय और अव्यवहारिक है तो आमजनमानस के साथ मोकामा पुलिस के व्यवहार का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस संकट के घड़ी में कोशी की आस अपने सभी पाठकों से संयम बनाए रखने तथा जब तक अतिआवश्यक न हो घर से नहीं निकलने की और पुलिस प्रशासन से भी आमजनमानस के साथ एक सम्मानजनक रवैये की अपील करती है।

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