स्पेशल डेस्क
कोसी की आस@पटना।
भारतवर्ष मासूमियत का देश है। एक से एक उदाहरण हैं। रावण के दरबार में अंगद ने मासूमियत से ही कहा था “जो गलती हुई सो हुई, आपकी इजाजत हो तो सीता मैया को ले जाऊं”। द्वापर में भी श्रीकृष्ण ने मासूमियत से ही तो कहा था “दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम”। नरसंहार तो बाद में हुआ। शुरुआत तो हमारी मासूमियत से ही हुई थी ना। जहाँ आजकल संसार से मासूमियत खत्म हो रही है, वहीं थोड़ा-बहुत फेसबुक वालों ने ही इसे बचा रखा है। “आपकी इजाजत हो तो कॉपी कर लूं”, हाए कितनी मासूमियत है इस प्रश्न में..! एक-एक शब्द लगता है मानो गुड़ की चाशनी में लपेट कर निकाला गया हो। इस मनुहार पर हम पिघल जाते हैं, न्योछावर हो जाते हैं, बस कर पगले रुलाएगा क्या टाइप। तू कर ले भाई कॉपी, इतना ही नहीं, मेरी प्रोफाइल पिक डाउनलोड करके अपने पर लगा ले, मेरा आईडी-पासवर्ड भी रख ले मेरे दोस्त, इतनी मासूमियत, इतने संस्कार आज के दौर में अविश्वसनीय है, अलौकिक है, भाई तू मेरा मोबाइल भी ले जा।
भारतवर्ष मासूमियत पर निछावर होने वाला देश है। पुरानी परम्परा रही है हमारी। मुग़ल दरबार में अंग्रेज आए। बड़ी मासूमियत से कहा “जहाँपनाह आपकी आज्ञा हो तो आपकी कंट्री लूट लूं”। वैसे तो मुग़ल हुआ करते थे सख़्त लौंडे, पर यहाँ पिघल गए। भर्राए गले से कह ही दिया “जा विलियम जा, जी ले अपनी ज़िन्दगी”, ये तख्ते-ताउस भी ले लो, ये कोहिनूर भी ले लो। चाहो तो हमारे साम्राज्य का नूर भी ले लो.. मासूमियत पर निछावर होने की इसी परंपरा ने एक दिन मुग़ल साम्राज्य का बहादुरशाह जफर कर दिया।
आज भी यह परम्परा जीवित है। परम्पराएं ढोने में हमारी कोई सानी नहीं। चुनाव नजदीक आ रहा है। दक्क उजली खादी वाले नेता दौरे पर आएंगे और बड़ी मासूमियत से पूछेंगे “आपकी इजाजत हो तो पांच साल और आपको लूट लूं”। जनता नतमस्तक हो जाएगी, लूट लेने दो, बिरादरी का है, इतने प्यार से कह रहा है, सेल्फी भी लिया है हमारे साथ, अच्छा, माता के पंडाल और जलसे के लिए 500 का चंदा भी तो दिया है..! ओहो यही लूटेगा हमें.. कम से कम मासूम तो है, लूटने से पहले पूछ तो रहा है।
लेकिन सोशल मीडिया पर यह मासूमियत कूट-कूट कर भरी है, लोग पूछ रहे हैं, रिक्वेस्ट कर रहे हैं, कमेंट करते हैं, जवाब नहीं मिलने पर टाइमलाइन पर पोस्ट करते हैं। धैर्य की सीमा यहाँ भी नहीं टूटती, बदतमीजी नहीं करते, बड़ी मासूमियत से इनबॉक्स में पूछते हैं “आपकी इजाजत हो तो आपकी फोटो पर नाइस पिक बेबी कमेंट कर दूं..” इसपर कौन मना करे। इनके मुंह से साक्षात मासूमियत का लार टपक रहा है। कल मैंने देखा विजय माल्या ने स्टेट बैंक के फेसबुक टाइमलाइन पर लिखा था “आपकी इजाजत हो तो आपका रुपया अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लूं”।
सोशल मीडिया पर लोगों के मासूमियत को ऐतिहासिक घटनाओं से जोड़ते हुए यह आलेख माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमफिल कर रहे युवा और बेहतरीन लेखन के लिये जाने जाने वाले सीतामढ़ी के अमन आकाश ने लिखा है।