बिहार की राजधानी पटना बीते 3-4 दिन से भारी बारिश की वजह से काफी संकट में है, शहर का अधिकांश हिस्सा बारिश की वजह से आए बाढ़ से प्रभावित है। प्रकृति की मार देखिये क्या गरीब? क्या अमीर? क्या रिक्शावाला? क्या मंत्री? सब बराबर नज़र आए। जहाँ एक तरफ आपने एक रिक्शे वाले को लगभग 4 फिट पानी में अपनी जीवन यापन का साधन रिक्शा को खींचते हुये देखा होगा तो वहीं दूसरी तरफ आपने बिहार के उप-मुख्यमंत्री की हालत भी देख ली होगी।
लेकिन वो कहते हैं न कि अगर संकट आता है तो संकट झेलने की शक्ति भी ईश्वर देते हैं, साथ ही वर्तमान परिवेश में अच्छे लोगों और सचमुच में सेवा भाव से काम काम करने वाली संस्थाओं की कमी नहीं है। यूँ तो सरकार और सरकारी एजेंसी कार्य कर रही है लेकिन प्रभावितों की संख्या अधिक होने के कारण सरकार या सरकारी एजेंसी को लग रहे वक्त में कई स्वंय-सेवी संस्थान आगे आई और उसी कड़ी में निःशुल्क शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे शिक्षा तरु संस्था ने अपने सामाजिक कर्तव्यों के निर्वहन के तहत बहादुरपुर, राजेन्द्र नगर और बाजार समिति के जलमग्न इलाकें में राहत सामग्रियों का वितरण किया।
शिक्षा तरु के संरक्षक ने बताया कि संस्था के युवा सदस्य श्री सुमित कुमार जी का आज के सामाजिक कार्य के दौरान उत्साह देखते ही बनता था। आज की युवा पीढ़ी को इतनी शिद्दत से मानव सेवा करते देख बहुत ही सकारात्मक और अर्थपूर्ण भविष्य की उम्मीद हमलोग कर सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि कार्य के दौरान हमें एक 6 महीने के दूधमुंहे बच्चे की सहायता करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ, हमलोग जब राहत सामाग्री बाँट रहे थे उसी वक्त एक औरत के मदद के लिए पुकार सुन जब हमलोग गए तो पता चला 6 महीने के बच्चे की तबीयत 2-3 दिन से खराब है और वो घर में फंसी हुई है, हमलोगों ने जल्द उनको बाहर निकालकर समुचित सहायता किया। एक और वाकये की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि उसी क्षेत्र में एक न्यायधीश का घर था, वो वैसे तो भागलपुर में पदस्थ हैं लेकिन उनके घर वाले एक बोतल पीने के पानी के लिए तरस रहे थे, फिर हमलोगों ने वहाँ भी पानी के आलवे और जरूरत की सामाग्री मुहैया कराया। साथ ही हमारी टीम ने ड्यूटी पर मुस्तैदी से सिपाहियों की भी मदद करने की कोशिश की।
कोसी की आस टीम उन सभी कर्मवीर का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती है, जो इस संकट की घड़ी में पटना के पीड़ित के साथ है।