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प्रिया सिन्हा
कोसी की आस@पूर्णियाँ
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तेरी उम्मीद और तेरा इंतजार मुझे जब से है,
दिल-ए-नादान मेरा, बहुत बेकरार तब से है।
आ जाओ तुम, कि जिंदगी मुकम्मल हो जाए मेरी,
सिर्फ और सिर्फ यही दुआ, तो बारंबार रब से है।
दिल लगता नहीं है, जरा मेरा बस एक तेरे सिवा,
तेरे लिए ही तो, मेरे दिल में बसा प्यार कब से है।
जब प्यार कर ही लिया, तो जमाने से डरना कैसा?
छोड़ दिया मैंने करना, दुनिया पर ऐतबार अब से है।
बस एक मैं, बस एक तुम, औरों से क्या लेना मुझे,
तुम पर ही तो, मेरा सारा अधिकार, गजब सा है।
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