बहुचर्चित शक्ति मलिक हत्याकांड का खुलासा, राजनीतिक साज़िश में नहीं हुई थी हत्या

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पूर्णियाँ : बीते दिनों राजद के पूर्व प्रदेश सचिव और विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी करने वाले शक्ति मलिक की हत्या कर दी गई। हत्याकांड को राजनीतिक साजिश के रूप में देखा जाने लगा। साथ ही इसे बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही चुनाव में होने वाले ख़ूनी संघर्ष का खेल शुरू होने के रूप में देखा जाने लगा।

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RJD के पूर्व प्रदेश सचिव ने तेजस्वी यादव पर लगाया था टिकट के बदले 50 लाख मांगने का आरोप

आपको बता दें कि बीते कुछ दिन पहले ही शक्ति मलिक ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान RJD के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पर विधानसभा के टिकट देने के बदले 50 लाख रुपये मांगने और जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो जारी किया था।

RJD के पूर्व प्रदेश सचिव शक्ति मलिक की रविवार सुबह 3 बजे की गोली मारकर हत्या कर देने के बारे में बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार नकाबपोश बदमाश शक्ति मलिक के घर में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। शक्ति मलिक को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पूर्णिया पुलिस ने किया महज़ 72 घंटे में सफल उद्भेदन

पूर्व राजद नेता शक्ति मलिक हत्याकांड का पूर्णिया पुलिस ने 72 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में शामिल मास्टरमाइंड समेत 7 अपराधियों को दबोच लिया है। बुधवार शाम एसपी विशाल शर्मा ने इस मामले में खुलासा करते हुए बताया कि दलित नेता शक्ति मल्लिक हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी पूर्णिया पुलिस ने कर ली है। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान केहाट थाना क्षेत्र के सिपाही टोला मधुबनी निवासी आफताब, सहायक के हाट थाना क्षेत्र के माधोपाड़ा निवासी मो. तनवीर, के नगर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी सलीम, मीरगंज थाना क्षेत्र के रंगपुरा गांव निवासी मो. जुनेद, मो. अफरोज, मो. यूसुफ और साहिबगंज जिले के मुफस्सिल थाना के महादेवगंज गांव निवासी एकाम खान के रूप में की गई है। पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से छापेमारी के दौरान घटना में प्रयुक्त पांच देसी कट्टा, तीन कारतूस, पांच मोबाइल फोन, एक चाकू और घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल बरामद किया है।

मामले पर खुलासा करते हुए एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि दलित नेता शक्ति मल्लिक हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडे के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी अनुश्रवण एवं माननीय सूत्रों के आधार पर काम करते हुए घटना में संलिप्त अपराधी आफताब और मोहम्मद तनवीर को एक – एक देसी कट्टा और मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया। इसके बाद इनके स्वीकारोक्ति बयान के बाद अन्य अपराधियों की भी गिरफ्तारी छापेमारी कर की गई ।

पैसे संबंधी लेनदेन के विवाद में हुई हत्या

पुलिस ने मृतक शक्ति मल्लिक के घर तलाशी के दौरान नोट गिनने वाली एक मशीन, कई महिलाओं के आधार कार्ड, छह नॉन ज्यूडिशयरी स्टाम्प पेपर, ग्राहकों के चार ब्लेंक चेक, 36 विभिन्न महिलाओं का आधार कार्ड का छायाप्रति, विभिन्न ग्राहकों का नाम एवं दिये गये नकद राशि से संबंधित डायरी बरामद की।

पुलिसिया पूछताछ के दौरान मो. आफताब ने बताया कि शक्ति मल्लिक से मैंने ब्याज पर ₹70000 लिए थे। तथा उस रुपए की वापसी हेतु बार-बार शक्ति मल्लिक तगादा करने लगा था और सारे स्टांप पर इसका हस्ताक्षर करवाकर ₹70000 के बदले ₹210000 मांग करने लगा। जब हमलोगो ने उससे कहा कि यह गरीब व्यक्ति है इतना रुपए देने में असमर्थ है तो शक्ति मल्लिक द्वारा बार-बार शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना देने लगा था।

इसी तरह मोहम्मद तनवीर ने भी शक्ति मलिक से ब्याज पर रुपए लिया था जिसे देने के तुरंत बाद ब्याज के रूप में शक्ति मल्लिक ₹105300 मांगने लगा। पैसे नहीं देने पर इसका भोजन का दुकान तोड़फोड़ कर दिया। मोहम्मद तनवीर ने जब अरबिया कॉलेज के पास दुबारा दुकान खोला तो उसे भी शक्ति ने पुनः तोड़फोड़ कर दिया। उसके बाद तनवीर और आफताब को शक्ति अपने पास रख कर तरह तरह का काम करवाता था और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए देर रात को जाने देता था। जिस कारण से यह दोनों परेशान हो गए। यह सब देखते हुए यह दोनों ने शक्ति मलिक को रास्ते से हटाने का का योजना बनाया और योजनाबद्ध तरीके से घटना में संलिप्त अपराध कर्मी सलीम, मो. जुनेद मो. अफरोज एकाम खान उर्फ मिराज और मो. यूसुफ के साथ मिलकर 4 अक्टूबर को सुबह शक्ति मल्लिक की गोली मारकर हत्या कर दी।

RJD अनुसूचित जाति / जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव रहे चुके थे शक्ति मलिक

बता दें कि शक्ति मलिक RJD अनुसूचित जाति / जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव थे और विधानसभा चुनाव में रानीगंज विधानसभा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे। लेकिन हाल ही में मीडिया में दिए अपने बयान में शक्ति मलिक ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जब वह एससी/एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव थे तब रानीगंज विधानसभा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात करने तेजस्वी के पास गए थे, तब तेजस्वी यादव ने उनसे 50 लाख रुपये की मांग की और मना करने पर जाति सूचक टिप्पणी कर भगा दिया।

हत्या में परिवार ने लगाया था तेजस्वी यादव पर आरोप

मृतक शक्ति मलिक की पत्नी खुशबू देवी ने अपने पति के हत्या मामले में के हाट थाने में लिखित आवेदन देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, राजद के एसीएसटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अनिल कुमार साधू, जिला परिषद सदस्य कालू पासवान, सुनिता देवी और मनोज पासवान व अन्य तीन अज्ञात पर राजनैतिक षडयंत्र रचकर हत्या करने का आरोप लगाया था। लेकिन पूर्णिया पुलिस के इस खुलासे के बाद तस्वीर बिल्कुल साफ हो गयी।

प्रफुल्ल कुमार सिंह
कोशी की आस@पूर्णियाँ

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