जिले के केनगर थाना और सदर थाना में चाइल्ड लाइन पूर्णियाँ के द्वारा थाना के सभी पदाधिकारी एवं महिला पुलिस बल को बाल शोषण, पोक्सो एक्ट, जे जे एक्ट आदि मामलों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन पूर्णियाँ एसपी विशाल शर्मा के आदेश पर बाल थाना कार्यालय में आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में चाइल्ड लाइन पूर्णिया के केन्द्रीय समन्वयक संजीव कुमार सिंह ने प्रशिक्षण में मौजूद पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे तो नटखट होते ही है। थोडी़ बहुत शैतानियां भी करते है। ऐसे में बच्चों को पेशेवर अपराधी की तरह व्यवहार करना ठीक नहीं है। छोटी मोटी गलती पर उन्हें समझाया जा सकता है। बच्चों के मन में पुलिस व थानों के गलत प्रभाव को देखते हुए बाल थाना का गठन किया गया है। जहाँ मनोरंजन के साथ-साथ खेल कूद की तमाम सामग्री उपलब्ध कराई गयी है।
थाने की दिवार पर प्रेरक बातें और भगवान् कृष्ण बाल लीला की बातें उकेरी गयी है। थाने में बच्चों के लिए चाकलेट एवं बिस्किट की भी व्यवस्था की गयी है। बाल थाने में प्रेरक प्रसंग वाली पुस्तकों को भी रखा जाना है। इन पुस्तकों को पढ़ने के लिए बाल थाना में आये हुए बच्चों को प्रेरित किया जाना है ताकि बच्चा प्रेरक पुस्तक में लिखीं कहानियों से सबक सीख सके। कुल मिलाकर यह थाने में संचालित बाल थाने में उन्हें तनाव एवं भय का एहसास न हो। इसके पूरे इंतेजाम किये गये है। वहीं चाइल्ड लाइन के मो शहजादा हसन ने अपने संबोधन में कहा कि अगर किशोर किसी बडी़ अपराधी घटना को अंजाम देता है तो इस प्रकार कि घटना को करने की वजह काउंसलिंग के माध्यम से प्राप्त करने की कोशिश करें। मालूम करें कि अखिर इस प्रकार कि घटना के पीछे किसकी शय है। जिसकी वजह से उसने इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया।
जैसा कि जे जे एक्ट में यह प्रावधान है कि किशोरों को कैद की जगह आवासित किया जाना है। जहाँ उनकी बेहतर काउंसलिंग की जा सके। बाल थाने में न तो कोई हथियार रखें और नहीं ही कोई पुलिस पदाधिकारी पुलिस की वर्दी में रहे। सिविल ड्रेस में बैठे सब इन्सपेक्टर रैंक के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी बच्चों के साथ अभिभावक की तरह पेश आऐंगें। वैसे बच्चे जो किसी अपराधिक घटना को किसी कारणवश अंजाम देते है उनसे पुलिस दोस्त की तरह बर्ताव करेगी। साथ ही उनके परिजनों को बुलाकर मामले को जांच कर बच्चे को थाने से ही रिलीज कर दिया जाऐगा।
अभिभावक को भी बाल कल्याण पदाधिकारी द्वारा बच्चों की हरकतों को वाच करने और समय-समय पर बच्चों को मोटिवेट करने की जवाबदेही तय की जाऐगी। जबकि पूर्णियाँ एक पहला जिला है जहाँ बाल थाने का गठन किया गया है। इस थाने में विधि विरूद्ध किशोर या पीडि़त बच्चों के लिए इस तरह की व्यवस्था की गयी है ताकि वह व्यस्क अपराधियों से अलग रहे और अपने आपको संरक्षित व सुरक्षित महसूस कर सके। इस मौके पर चाइल्ड लाइन के मो शहजादा हसन, मयुरेश गौरव, खुश्बू रानी मुकेश कुमार, मिथिलेश कुमार एंव केनगर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार एंव सदर थाना के पुलिस पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
प्रफुल्ल कुमार सिंह
कोशी की आस@पूर्णियाँ