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“प्रिया सिन्हा”
कोसी की आस@पूर्णियाँ
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मेरी ख्वाहिशें मेरे सपने,
चैन से मुझे सोने नहीं देते;
जी तो करता कि रोऊं मैं भी,
किसी छोटे बच्चे की तरह,
पर सदा खुश रहने की चाहत,
कभी भी मुझे रोने नहीं देते॥
जागती हूँ मैं नित्य रात-भर ,
सिर्फ और सिर्फ यही सोचकर,
रंग अवश्य ही लाएगी,
मेरी ये मेहनत मगर,
यही विश्वास मेरा,
धैर्य मुझे खोने नहीं देते॥
मेरी ख्वाहिशें मेरी सपने,
चैन से मुझे सोने नहीं देते॥
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