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“प्रिया सिन्हा”
पूर्णिया (बिहार)
किसी के लिए तू है माँ;
किसी के लिए तू है प्रियतमा;
किसी के लिए तू है धरती,
किसी के लिए तू है आसमां !
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कभी शोख तो कभी चंचल;
कभी कठोर तो कभी मखमल;
कभी ना अंधेरों से डर कर रूके तू,
सदा आगे बढ़ती रहती है तू अविचल !
तू ही दुर्गा तू ही काली;
तू ही सबको शक्ति देने वाली;
तू जो चाहे विनाश कर दे,
तू जो चाहे आए पल में खुशहाली !
तू सदा ही बनाए रखे अपने परिवार की गरिमा;
तू कार्य करे धैर्य से तो कभी दिखाकर अपनी भाव भंगिमा ;
तू तो ढ़ोए दो-दो कुलों की लाज को सदा ही,
नारी तुझे सलाम क्योंकि अद्भुत है तेरी ये महिमा !
“प्रिया सिन्हा”
पूर्णिया (बिहार)
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