प्रफुल्ल कुमार सिंह
कोसी की आस@पूर्णियाँ।
मंगलवार सुबह आठ बजे चाइल्ड लाइन पूर्णिया द्वारा चाइल्ड लाइन से दोस्ती सप्ताह के अवसर पर एक कार्यक्रम केन्द्रीय विद्यालय चुनापूर हावई अड्डा में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य सोना कुमार ने की। केन्द्रीय विद्यालय में मौजूद बच्चों को सबसे पहले संबोधित करते हुए चाइल्ड लाइन के सदस्य मो शहजादा हसन ने कहा कि चाइल्ड लाइन भारत सरकार की महिला बाल विकास मंत्रालय की परियोजना है जो देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए चौबीस घंटे की आपातकालीन फोन आउटरीच सेवा है, जो इन बच्चों के पुनर्वास हेतु दीर्घकालिक सेवाओं से भी जोड़ती है। चाइल्ड लाइन आपका सच्चा मित्र है जो आपको किसी भी प्रकार की मुसीबत से बचाती है। आप जब भी किसी बच्चे को मुसीबत में देखते है तो आप चाइल्ड लाइन के 1098 पर फोन कर मदद मांग सकते है, जैसे आप फोन करते है चाइल्ड लाइन को दूरी के हिसाब से या फिर एक घंटे के अन्तराल के अन्दर आपके पास पहुंच कर आपकी मदद पहुंचाऐगा।
वहीं चाइल्ड लाइन के समन्वयक संजीव कुमार सिंह ने बच्चों से कहा कि संविधान के अनुसार बच्चों को चार अधिकार “जीने का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, विकास का अधिकार, सहभागिता का अधिकार दिया गया है, अगर कोई भी बच्चा इन चारों अधिकारियों से वंचित रहता है तो आप की मदद चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता करेंगें और आपको आपका अधिकार दिलाऐंगे। उन्होंने हाल में बने पोक्सो एक्ट के बारे में भी बच्चों को विस्तार से बताया। बच्चों ने आश्वासन दिया कि अगर हमारे समाज में हमलोगों को अगर बच्चों के ऊपर किसी प्रकार का शोषण हो रहा होगा तो इसकी जानकारी हमलोग चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर देंगे।
इस मौके पर केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य सोना कुमार ने कहा कि वैसे तो हमलोग भी बच्चों को चाइल्ड लाइन और बाल शोषण के बारे में अक्सर बताते रहते है। परन्तु आज आपलोगों के आने से बच्चों को बाल शोषण से संबंधित ढे़र सारी जानकारी मिली आशा करता हूँ कि सभी बच्चे बाल शोषण के बारे में ज्यादा जागरूक हुए होंगे। इस मौके पर शिक्षक शिक्षिका एंव बच्चों को चाइल्ड लाइन से दोस्ती का बैंड भी कलाई पर बांधकर हो रहे बाल शोषण के जड़ से खत्म करने में मदद करने की अपील की। इस मौके पर चाइल्ड लाइन के समन्वयक संजीव कुमार सिंह, मो शहजादा हसन, मयुरेश गौरव, मुकेश कुमार, रूबी साह और केन्द्रीय विद्यालय के शिक्षक टी पी सिंह, विवेकानंद दास, शमीम रजा, आदित्य आनंद, सुम्मी कुमारी और विना शर्मा के अलावे सभी बच्चे मौजूद थे।