प्रफुल्ल कुमार सिंह
कोसी की आस@पूर्णियाँ
शिक्षक संघ, पूर्णियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ के महासचिव डॉ विनोद कुमार ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्रशानिक अराजकता और शैक्षणिक अव्यवस्था स्थापित है। आगे बताया गया कि हाल में अपने अधिकार से इतर भूपेन्द्र नारायण विश्वविद्यालय द्वारा प्रोन्नत शिक्षकों के कागजात वेरिफिकेशन के नाम पर विश्वविद्यालय ने प्रोन्नति की समीक्षा की, जो चाल चली है और सात सदस्यों की समिति गठित की है, यह अवैधानिक है।
प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया गया कि माननीय कुलपति को महामहिम का स्पष्ट निर्देश था कि इन प्रोन्नत शिक्षकों का वेतन प्रोन्नत वेतनमान में कर अग्रेत्तर कार्यवाई करे, माननीय द्वारा इसका पालन करने के बजाय बाधित करने का षडयंत्र करना कुलपति की मर्यादा के अनुरूप बिल्कुल नहीं है। इस अवैधानिक समिति को अबिलम्ब भंग किया जाय और नव-प्रोन्नत शिक्षकों सहित सभी शिक्षकों को अग्रेत्तर प्रोन्नति हेतु आवेदन आमंत्रित करना चाहिये, यह युक्ति संगत और तर्कपूर्ण है। अन्यथा विश्वविद्यालय और शिक्षक अनावश्यक न्यायालय में परस्पर आमने-सामने होंगे और यह स्वस्थ स्थिति नहीं हैं, संघ इन स्थितियों के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन को आगाह करता है और युक्तिपूर्ण न्यायसंगत त्वरित निष्पादन की गुजारिश करता है।
अभी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों की छुट्टी को रद्द करते हुए 30-31 दिसंबर 2019 को मुख्यालय में रहने और तृतीय वर्गीय कर्मचारियों के नियुक्ति हेतु आयोजित परीक्षा में उपस्थित रहने का आदेश तुगलकी फरमान है। यह अनावश्यक रूप से शिक्षकों को प्रताड़ित करने की युक्ति है और आनन-फानन में छुट्टी के दिनों में परीक्षा का आयोजन निश्चित रूप से अनेक प्रश्नचिन्ह उत्पन्न करता है। पुनः छुट्टी के अंतिम दिन इस प्रकार का आदेश युक्तिसंगत नहीं है, क्योंकि शिक्षकों ने पहले ही अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप अपना आरक्षण कर रखा था और अचानक परिवर्तन उनके वश में नहीं है। अच्छा तो यह होता कि सामान्य तौर पर वांछित आवश्यक तैयारी के साथ इस परीक्षा का आयोजन जनवरी 2020 में किया जाता। यहाँ यह याद दिलाना अनुचित नहीं होगा कि पार्ट 1 की टेस्ट परीक्षा भी बिना पूर्ण तैयारी के ली गई थी और इसका परिणाम बहुत ही दु;खद रहा था। अतः संघ आग्रह करता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर पुनः विचार करे।
पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के बारे में संघ ने पूर्व में ही अपना पक्ष स्पष्ट किया है कि संघ शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग का स्वागत तो करता है लेकिन संसाधनों और इस प्रकार के प्रशिक्षण के बिना लागू करने और बच्चों को बिना लेक्चर दिए अपलोड करने को संघ शैक्षणिक अपराध मानता है और यह निश्चित रूप से शिक्षा के मानदंडों का उलंघन है। शिक्षक इस स्थिति में विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आदेश को नहीं मानने को विवश है, आवश्यक होने पर शिक्षक संघ माननीय अभिषद सदस्यों के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करेगा। संघ चरणबद्ध , प्रभावी और उत्पादक रूप से लागू करने पर तकनीकी के इस प्रयोग का स्वागत करेगा।