आरके श्रीवास्तव की पाठशाला “सुपर 30” में

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मैथेमैटिक्स गुरू फेम आरके श्रीवास्तव ने “मगध सुपर 30” में गणित की पाठशाला लगाई। चर्चित शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने शनिवार को “मगध सुपर 30” में नाईट क्लासेज के द्वारा लगातार 12 घंटे गणित की शिक्षा दिया। आगे भी लगातार आरके श्रीवास्तव “मगध सुपर 30” में गणित की पाठशाला लगाते रहेंगे। आरके श्रीवास्तव से आईआईटी प्रवेश परीक्षा हेतु गणित का गुर सिखाकर स्टूडेंट्स में एक अलग लेवल का काॅन्फिडेन्स बढा। चुटकुले सुनाकर खेल-खेल में जादूई तरीके से गणित पढाने की कला लाजवाब है। उनके द्वारा कबाड़ की जुगाड़ से खिलौने बनाकर थ्योरी को समझाना अद्भुत, अविश्वसनीय और अकल्पनीय है।

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नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा का अलख जगा रहा “मगध सुपर 30”, अबतक संवर चुकी है, सैंकड़ों छात्रों की जिंदगी

यूँ तो पटना का “सुपर 30” और “मगध सुपर 30” दोनों लगभग एक साथ प्रारम्भ हुआ था। लेकिन आज हम रूबरू कराते हैं एक बहुचर्चित “मगध सुपर थर्टी” से, जिससे नक्सल प्रभावित इलाकों के सैकड़ों बच्चों का जीवन संवर चुका है। और यह सिलसिला लगातार आज भी जारी है।

दरअसल बिहार के तत्कालीन डीजीपी अभयानंद के मार्गदर्शन में शहर के कुछ समाजसेवियों द्वारा वर्ष 2008 में “मगध सुपर थर्टी” की स्थापना की गई थी, उद्देश्य था नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों का भविष्य संवारना। यह शिक्षण संस्थान गुरुकुल के तर्ज पर संचालित होता है। बच्चे एवं बच्चियों को यहां नि:शुल्क पढ़ाया जाता है। उनके लिये भोजन, किताबें इत्यादि की व्यवस्था समाज की ओर से दी गयी आर्थिक मदद से की जाती है। शहर के कई ऐसे लोग हैं जो नियमित रूप से इस संस्थान को आर्थिक सहायता देते हैं।

शहर के नामचीन शिक्षक अपनी सेवाएं मुफ्त में देते हैं। बच्चों का ईलाज और दवाईयां शहर के चिकित्सक फ्री में मुहैया कराते हैं। समाज के इस दरियादिली का एहसान यहां के बच्चे जी तोड़ मेहनत कर अपनी सफलता के परचम लहराकर चुकाते हैं। अभी तक सैकडों बच्चे यहां से पढ़कर आईआईटी प्रवेश परीक्षा मे सफल होकर अपना जीवन संवार चुके हैं। ‘मगध सुपर थर्टी” के सचिव पंकज कुमार बताते हैं कि जिन बच्चों ने यहां से पढ़कर बेहतर जॉब पाया है, अब वे भी संस्थान को आर्थिक मदद कर रहे हैं। छुट्टियों में वे भी यहां के बच्चों को पढ़ाने आते हैं।

संस्थान के सीनियर बच्चे अपने जूनियर को पढ़ाते हैं। यही नहीं पूर्व डीजीपी अभयानंद के द्वारा भी रात में वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाता है। संस्थान में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है। इस संस्था की बदौलत जिले के घोर नक्सल इलाका ईमामगंज थाना क्षेत्र के कई बच्चों ने भी इंजीनियरिंग में सफलता पाई है।

ज्ञान से बनता है व्यक्ति अधिक समझदार-

आरके श्रीवास्तव ने छात्रों को पढ़ाने के दौरान बताया कि दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए शिक्षा ही एकमात्र साधन है, क्योंकि यह अकेले दिमाग को रोशन करने की शक्ति देती है, आरके श्रीवास्तव ने कहा कि यह जीवन कौशल को ही नहीं सिखाती, बल्कि समाज के वंचित वर्गो में पीढ़ीगत परिवर्तन लाने में भी सक्षम है।

आरके श्रीवास्तव ने कहा, ‘ज्ञान के साथ, व्यक्ति अधिक समझदार हो जाता है और तर्क से सब कुछ देखना शुरू कर देता है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्माण के साथ-साथ, साथी मनुष्यों के प्रति सम्मान, भेदभाव को दूर करने और विश्वास की कमी को समाप्त कर समाज को मजबूत करता है। उल्लेखनीय है कि आरके श्रीवास्तव को गरीबी के खिलाफ शिक्षा का उपयोग करके सामाजिक परिवर्तन लाने के प्रयासों के लिए दर्जनो पुरस्कार मिल चुके है।

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