बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अचानक बेतिया के रोड पर सादे कपड़ो में घूमते एवं वाहनों की जांच करते नजर आए। डीजीपी गांव में जाते ही सबसे पहले निम के पेड़ से एक दातून लिया, फिर रोड के किनारे आम लोगो की तरह दातून करने लगे। डीजीपी बेतिया जिले के शाहोदरा थाना क्षेत्र के एक ऐसे गांव, जहाँ आजादी 1947 के बाद से आज तक गांव के किसी भी व्यक्ति पर किसी भी तरह की कोई प्राथमिकी दर्ज नही हुई है। गांव के लोगों से बातचीत की, उनको धन्यवाद दिया कि मुझे जब पता चला कि इस गांव में आजादी के बाद से किसी भी तरह की विवाद नही हुई है और इस गांव के लोग अभी तक पुलिस थाने में भी नही गए है। तभी से मुझे इस गाँव को जानना था। और अब मैं जहाँ भी जाऊंगा, इस गांव और गांववालों के बारे में सबको बताऊंगा कि कैसे प्रेम भाव से लोग रहते है।
लोगो के बीच अपना परिचय आम लोगो जैसा दिया। साथ ही बोले कि यहा के नए हाकिम हैं, हम अभी आए है। फिर क्या रोड पर बिना मास्क के घूम रहे लोगों की जमकर क्लॉस लगाई और लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में समझाया भी। ऐसे हैं बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय जो ईतने बड़े ओहदे पर होते हुए भी गांव में लोंगो के बीच मे जागरूक करते नजर आए। फिर एक ग्रामीण के घर में रखे हुआ चक्की (जाता) चलाने लगे फिर नमक के साथ सुखी रोटी और मिर्ची खाने लगे।
बेतिया के योगापट्टी थाने में तैनात सिपाही नेहा कुमारी से की बात।
नेहा कुमारी को अचानक डीजीपी ने फोन कर कोरोना के प्रारंभ से लेकर अभी तक का हाल चाल जाना, फिर उन्हें बताया कि कैसे लोगो को जागरूक करना है तथा अपना भी बचाव करते हुए कानून का पालन करना है।
विवेक यादव
कोशी की आस@सहरसा