सहरसा – कोरोना और लॉकडाउन के मध्य जिले में अब आम जन-जीवन सामान्य रूप से पटरी पर लौटने लगा है। न केवल बाजार बल्कि बैंक, ऑफिस और व्यापार के क्षेत्र में भी कार्य ने गति पकड़नी शुरू कर दी है। इस दौरान स्थानीय जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का भी लगातार सहयोग आम लोगों को मिल रहा है। हालांकि पिछले कुछ महीने में आम जिंदगी में काफी बदलाव भी आ गए हैं। बाजारों में शारीरिक दूरी बरतने के अलावा मास्क और सैनिटाइजर जरूरी हो गया है। लोग घर से बाहर निकलते हैं तो अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते दिखते हैं। हालांकि इन सबके बीच कोरोना वायरस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में इस लड़ाई में यह एक सकारात्मक पक्ष सामने निकल कर आया है।
मास्क और सैनिटाइजर जिंदगी का अहम हिस्सा
समाज सेवा के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे अमानुल्लाह खान कहते हैं कि लॉकडाउन में छूट मिलने से हम सभी अपने रोजमर्रा के काम बेहतर रूप से कर पा रहे हैं। हालांकि संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है, इसलिए सतर्कता भी बरत रहे हैं। लोग घर से बाहर तो निकलने लगे हैं, लेकिन मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर का इस्तेमाल उनके जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है। इसी के साथ लोग शारीरिक दूरी का ख्याल भी हर वक्त दिमाग में रख रहे हैं। ऑफिस जाते वक्त और बाजार में सामान खरीदते वक्त हर कोई संक्रमण से बचाव से तरीकों को अपनाकर काम कर रहा है।
तेजी से बढ़े मामले तो हुए ज्यादा सजग
स्थानीय मुन्ना चौधरी बताते हैं कि लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद से संक्रमण के मामलों में भी तेजी से उछाल आया है। हालांकि जिंदगी और जीविका की खातिर छूट मिलना जरूरी तो है, लेकिन इसके साथ ही आम लोगों को अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी। कुछ हद तक अब लोग सतर्कता बरत भी रहे हैं। घर-परिवार के सदस्यों द्वारा जागरूकता और पहल को बढ़ावा दिया जा रहा है। संक्रमण भयावह रूप न ले इसको लेकर सामुदायिक स्तर पर भी कवायद देखी जा रही है। इस वक्त दुकानों और बाजारों में जाने वालों को सजग और सतर्क रहने की सबसे ज्यादा जरूरत है। इस महामारी में सभी अपनी बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करें, यह सबके लिए जरूरी है।
कार्यालय खुले तो सैनिटाइजेशन, शारीरिक दूरी और स्क्रीनिंग जरूरी
इधर, सहरसा जिले में अब अधिकांश दफ्तर प्रशासन के निर्देश के आलोक में समय पर खुल रहे हैं। हालांकि इस दौरान दफ्तर में दो गज यानि छह फीट की दूरी के साथ सैनेटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रयोग हो रहा है। इसके साथ ही दफ्तरों में कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप के इस्तेमाल की सलाह भी दी गई है। कार्यालयों में काम के समय को अलग-अलग घंटों में बांटकर शारीरिक दूरी का पालन भी किया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर कार्यालय को सैनिटाइज भी किया रहा है।
घर-घर में आया बदलाव, इन बातों का रखा जा रहा है ख्याल
– बच्चों को बेवजह घर से निकलने की इजाजत नहीं है, वे ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं।
– बुजुर्गों, नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं की घर में विशेष देखभाल की जा रही है।
– बाहर से आने पर हाथों को साबुन से अच्छे से धोने और स्वच्छता का ख्याल रखते हुए घर में प्रवेश किया जा रहा है।
– बाहरी सामानों खासकर फल-सब्जी को अच्छे से धोकर व पकाकर उपयोग में लाया जा रहा है।
– कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनकर जाना व शारीरिक दूरी अपनाना अनिवार्य किया गया है।
रितेश : हन्नी
कोशी की आस@सहरसा