आचार संहिता लगते ही योजना विभाग में मची अफरा-तफरी, योजना की धराधर काटी जाने लगी चेक

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सहरसा – चुनाव आयोग द्वारा जैसे ही बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा की गई और प्रदेश में आचार संहिता लागू हुआ। शुक्रवार की दोपहर उसका व्यापक असर स्थानीय योजना विभाग में देखने को मिली। जहां पूर्व के योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए धरा-धर चेक संवेदक के नाम से काटे जाना जाने लगे।

नई योजना को बैक डोर व बैक डेट में स्वीकृत करने की मची थी अफरा-तफरी

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वहीं कई योजना को डीपीओ कार्यालय सहित योजना कार्यालय में बैक डेट पर स्वीकृत करने की प्रक्रिया करने की शिकायत मिली। मौके पर पहुंचने पर पाया गया कि योजना विभाग में जहां संवेदक की जमघट लगी हुई थी। वही डीपीओ कार्यालय सहित योजना विभाग में संवेदको की भीड़ लगी हुई थी। वही सभी कार्यालय में मौजूद कर्मी के बीच में अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। हालांकि मीडिया के पहुंचते ही जहां डीपीओ कार्यालय से बाहर निकल गए। वही योजना विभाग के कार्यपालक अभियंता इं हरिनंदन भगत अन्य कर्मियों के साथ व्यस्त हो गए।

बीते 5 साल में विधायक मद्द में कुल 815 योजना हुई स्वीकृत

बीते 5 साल के दौरान जिले के चार एमएलए, एक राज्यसभा सांसद एवं एक एमएलसी के फंड से कुल 815 योजना स्वीकृत हुई है। जिसमें कितनी राशि खर्च हुए। यह बताने के लिए डीपीओ मौजूद नहीं थे। उनका मोबाइल भी नॉट रिचेबुल आ रहा था। वही योजना विभाग के कार्यपालक अभियंता हरिनंदन भगत ने बताया कि वर्ष – 2015-16 से लेकर सितंबर 2020 तक विधायक मद के कुल 815 योजनाओं की स्वीकृति मिली है। जिस पर कार्य हुए हैं। जो योजना पास हो चुके हैं उनके बचे हुए कार्य हो रहे हैं।

वहीं उन्होंने बताया कि बीते एक सप्ताह से कोई भी योजना स्वीकृत नहीं हुई है। अब आचार संहिता लग गई है। ऐसे में अब स्वीकृत योजना की संख्या में कोई वृद्धि नहीं होने जा रही है। वही सूत्रों की माने तो मीडिया के आने से पूर्व तक डीपीओ कार्यालय और योजना विभाग में पदाधिकारियों के बीच अफरा तफरी मची थी। पुराने डेट में योजना को स्वीकृति करने की प्रक्रिया भी की जा रही थी।

रितेश : हन्नी
कोशी की आस@सहरसा

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