सहरसा – रेलवे बोर्ड के निर्देश पर गुरुवार को शहर के प्रशांत रोड स्थित दुकान में आरपीएफ की छापेमारी हुई। छापेमारी के दौरान दुकान संचालक टिकट बुकिंग एजेंट को मौके से गिरफ्तार किया गया है। आरपीएफ ने सदर पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी किया। आरपीएफ इंस्पेक्टर सारनाथ ने कहा कि रेलवे बोर्ड की क्राइम बोर्ड टीम की एक जांच से पता चला है कि शहर में प्रशांत रोड पर स्थित यमुना एंटरप्राइजेज के निदेशक राहुल राज द्वारा व्यक्तिगत आईडी का दुरुपयोग करते हुए तत्काल टिकट बनाए जाते हैं। राहुल राज पिता राजेश कुमार साह के संबंध में की गई जांच में पता चला है कि वह आईआरसीटीसी से लाइसेंस प्राप्त ई-टिकट बुकिंग एजेंट है।
उन्होंने कहा कि जब यमुना एंटरप्राइजेज में छापे के दौरान जांच की गई, तो निजी आईडी का गलत इस्तेमाल करके तत्काल ई-टिकट बनाने का मामला सही पाया गया। उसके बाद उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। वहीं, उसकी दुकान से बरामद टिकटों की जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि बरामद टिकट सही या अवैध तरीके से बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि दलाली अधिनियम की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए, राहुल राज पर टिकट खगड़िया रेलवे कोर्ट में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि दुकान में छापेमारी के दौरान सदर थाने के सब-इंस्पेक्टर एमएम रहमान, कांस्टेबल संजय कुमार, मिथिलेश कुमार सिंह और अन्य पुलिस बल के साथ इंस्पेक्टर थे।
पकड़ा गया गोरखधंधा का मजबूत डेटा
निजी आईडी से तत्काल समय में बनाए गए ई-टिकट गोरखधंधे के मामले को मजबूत आंकड़ों के साथ पकड़ा गया है। सब इंस्पेक्टर एमएम रहमान ने कहा कि टिकट एजेंट के पास अपनी व्यक्तिगत आईडी से 6 ई टिकट बनाने का नियम है। वे 6 ई टिकट भी अपने परिवार या खुद से बनवा सकते हैं। रेलवे बोर्ड के क्राइम बोर्ड ने पुख्ता आंकड़ों की जांच के बाद पाया कि पर्सनल आईडी का दुरुपयोग कर तत्काल टिकट बनाए जा रहे हैं।
आरपीएफ लैपटॉप और मोबाइल की जांच कर रही है
आरपीएफ हिरासत में लिए गए राहुल राज की दुकान से लैपटॉप, सीपीयू और मोबाइल जब्त कर रही है। इंस्पेक्टर ने कहा कि टिकट गोरखधंधा के कई मामले लैपटॉप, सीपीयू और मोबाइल से उजागर होने की संभावना है। आपको बता दें कि इससे पहले सिमरी बख्तियारपुर में भी कई दफा आरपीएफ का रेड पढ़ चुका है, उसमें कुछ लोग गिरफ्तार भी हुए थे उसके बाद मामला थोड़े दिनों तक ठंडा दिखा फिर लगातार सिमरी बख्तियारपुर में भी तत्काल टिकट दलालों का बोलबला रहा है स्टेशन टिकट बुकिंग की खिड़की से लेकर सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार के गली कोने में तत्काल टिकट दलाल बड़ी बेसब्री से अपने कस्टमर का राह देखते हैं ठीक उसी तरह देखते हैं जिस तरह से खूनी भेड़िया अपने शिकार को ताड़ते रहते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार एक तत्काल टिकट पर कम से कम तत्काल एजेंट 500 से हजार रुपए की अवैध वसूली करते हैं हालांकि सीजन आने के बाद इन लोगों का नेटवर्क भी बढ़ जाता है और यह लोग आम व्यक्ति को टिकट कहीं से भी उपलब्ध नहीं होने देते हैं मजबूरन हारे निहारे कस्टमर इन लोगों के पास पहुंचते हैं और यह लोग उनका अच्छे से दोहन करते हैं।
उनका कहना होता है कि आप कहीं भी चले जाओ कहीं भी आपको टिकट नहीं मिलेगा लौटकर हमारे पास ही आना होगा। अब देखने वाली बात यह है कि अभी भी तत्काल टिकट पर लगाम नहीं लग रहा है ऐसे में प्रशासन को सारा दोष जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि कुछ ऐसे एजेंट भी है जो आरपीएफ पुलिस डिपार्टमेंट में मिलीभगत से यह काम करते हैं।
रितेश : हन्नी
कोशी की आस@सहरसा