सहरसा : संभावित बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है। बाढ़ से निबटने के लिए प्रभावित इलाकों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा नाव की व्यवस्था कर ली गई है। बाढ़ के साथ महामारी का प्रकोप बढ़ने के कारण स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने की तैयारी को तेज कर दी गयी है।
सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना विभाग की जिम्मेदारी है। बाढ़ के बाद संपर्क भंग होने के कारण गांव तक पहुंचने का नाव ही सहारा होता है। जबकि गंभीर परिस्थिति में सेवा देना विभाग के लिए मुश्किलों भरा हो जाता है। हालांकि बाढ़ को लेकर कई प्रखंडों में कार्रवाई तेज कर दी गई है। पानी का फैलाव होने के कारण स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। फिलहाल के संक्रमण काल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ से निबटना चुनौतीपूर्ण है. लेकिन विभाग ने अपने स्तर पर पूरी तरह तैयार कर ली है। कोरोना संक्रमण के बीच लोगों तक सुरक्षित सेवा पहुँचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
दवाओं का पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था:
सिविल सर्जन ने कहा कि बाढ़ को लेकर आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है। अगले एक माह तक के लिए पर्याप्त दवाएं उपलब्ध है। जबकि सभी पीएचसी को मांग के अनुरुप दवा मुहैया करा दिया गया है। बाढ़ को लेकर सभी पीएचसी व स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है। हालांकि गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर दिया गया है। आवश्यक तैयारी की जा रही है।
जरुरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश:
सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने डायरिया की रोकथाम एवं लोगों को समुचित ईलाज उपलब्ध कराने की दिशा में विभाग द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को डायरिया प्रबंधन के निर्देश जारी करते हुए उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ओआरएस के साथ ब्लीचिंग पाउडर एवं चुना, हेलोजेन टेबलेट तथा अन्य जरुरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डायरिया को भी लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, मेडिकल कैम्प का आयोजन:
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिला बुजुर्ग बच्चे के उचित देखभाल के लिए ऊंचे स्थानों पर मेडिकल कैंप का गठन कर इलाज करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डायरिया संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।इसे ध्यान में रखते हुए पूर्व से ही डायरिया प्रबंधन की तैयारी की गई है। जागरूकता से डायरिया की रोकथाम की जा सकती है। अक्सर यह बीमारी बरसात के समय या फिर अत्यधिक गंदगी से होती है। इसके लिए लोगों को खाने से पूर्व हाथ जरूर साफ़ करना चाहिए एवं ताजा खाने का ही सेवन करना चाहिए।
युगेश्वर कुमार
कोशी की आस@सहरसा