रितेश : हन्नी
कोशी की आस@सहरसा
वर्तमान परिवेश में भी सहरसा जैसे पिछड़े और विकास के मामले में कोसों दूर वाले शहर में युवाओं द्वारा दिनांक 1 और 2 फरवरी को लक्ष्मी नाथ गोसाईं, कला भवन, सुपर मार्केट, सहरसा में आयोजित किया जाने वाला “कोशी शिखर सम्मेलन” (KSS2.0) महज़ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि यह शहर के युवाओं की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है कि आखिर कैसे हम विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने के लिए प्रयत्न कर सकते हैं।
उद्योगविहीन कोशी परिक्षेत्र में प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ की विभीषिका, मजदूरों का भयावह करने वाला पलायन, बेरोजगारी, कृषि समस्याएं, पर्यावरण असंतुलन, सुखाड़ इत्यादि मुद्दों पर युवा संसद के माध्यम से, जिसमें देश भर के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के चिंतनशील छात्रों से चर्चा कर, इन समस्याओं के हल तलाशने का प्रयास किया जायेगा। साथ ही राष्ट्रीय एवं राजकीय मुद्दों पर भी संसदीय विमर्श होगा।
“कोशी शिखर सम्मेलन” के आयोजक मंडल के रौशन झा ने जानकारी देते हुए बताया कि सम्मेलन में कोशी की समझ रखने वाले ख्यातिप्राप्त साहित्यकार, पत्रकार, जलवैज्ञानिक, पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद, उद्यमी तथा चिंतक शामिल होंगे और क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण पर अपने सुझाव रखेंगे। सम्मेलन के दौरान प्राप्त होने वाले महत्वपूर्ण सुझावों को संबंधित विभाग में नीति निर्धारण में मदद के लिए भेजा जाएगा। साथ ही कोसी क्षेत्र में काम कर रहे विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से एक दबाव समूह बना कर सुझावों को अमल में लाने की चेष्टा की जाएगी।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कोशी शिखर सम्मेलन में युवा संसद के द्वारा यहाँ के युवाओं द्वारा कानून बनाने की पूरी प्रक्रिया का संपादन सम्भव होता है। सम्मेलन में
कोशी की बात और कोशी का विकास कैसे हो? इसपे धुरंधरों के साथ न सिर्फ चर्चा होती है बल्कि उसके समाधान के तरीके सुझाये जाते हैं। साथ ही विलुप्त हो रहे पारंपरिक चीजों से शहर के बच्चों को सम्मेलन में अवगत कराने का प्रयास किया जाएगा। मिथिला पेंटिंग पर आयोजित एग्जीबिशन के माध्यम से मिथिला पेंटिंग की विविधताओं की जानकारी दी जाएगी। साथ एक और खूबसूरत पहल जो युवाओं के द्वारा इस सम्मेलन में किया जा रहा है, वह यह कि इस बार का आयोजन पूर्णतः प्लास्टिक फ्री होने जा रहा है, जहाँ प्लास्टिक से बनी किसी भी चीज़ को प्रयोग में नहीं लाया जाएगा। यहाँ तक कि जो कलम भी उपयोग में लाया जाएगा उस कलम को उपयोग होने के बाद अगर आप धरती में बो देंगे तो पेड़ उग जाएगा।
अंत में आयोजक मंडल की ओर से निवेदन करते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे आयोजन का आप हिस्सेदार नहीं बनना चाहेंगे? 1 और 2 फरवरी 2020 को आयोजित “कोशी शिखर सम्मेलन” जिसमें बिहार के पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पांडे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं, में आपको आमंत्रित करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य संवाद के जरिये कोशी की समस्याओं के समाधान की दिशा में कदम बढ़ाना है। अधिक-से-अधिक भागीदारी के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सबकी सराहना ही हमारा हौसला बढ़ाएगी तो आइये और आपके अपने आयोजन कोशी शिखर सम्मेलन को सफल बनाते हैं।