रितेश : हन्नी
कोसी की आस@ सहरसा
व्हाट्सएप और फेसबुक पर वायरल मैसेज को पढ़कर आज सहरसा स्टेडियम प्रांगण में सैकड़ों लोग ड्राइवरी लाइसेंस बनाने सारे कागजात लेकर पहुंच गए, लेकिन यह अफवाह थी। मौके पर पहुंचे जन अधिकार छात्र परिषद के जिला अध्यक्ष नरेश निराला ने कुछ साथियों के साथ डीटीओ ऑफिस पहुँचे तो डीटीओ चेंबर में नहीं थे। वहीं छात्र जिला अध्यक्ष नरेश निराला ने पत्रकार को संबोधित करते हुए कहा कि आम आदमी को ड्राइवरी लाइसेंस बनाने में काफी परेशानी होती है और इसे बनाने में मोटी रकम लगभग 9000 से 10000रु तक दलाल को देना पड़ता है, साथ ही कहा कि बिना दलाल का ड्राइविंग लाइसेंस बनता ही नहीं है।
सरकारी नियम के अनुसार एक बार ₹ 790 का रसीद और दूसरी बार ₹2345 का रसीद कटता है, बाकी सारा पैसा डीटीओ और दलाल के पैकेट में जाता है। जनता के परेशानी से प्रशासन को कोई लेना देना नहीं है। अगर ड्राइवरी लाइसेंस की समस्या को शिविर लगाकर नहीं सुना गया तो आगे आंदोलन करने को बाध्य होंगे। लोगों का कहना है डीटीओ ऑफिस में कर्मचारियों के काम करने का तरीका बहुत ही खराब है। कभी ऑफिस में रहते हैं, कभी नही रहते हैं। लोगों ने बताया वह बहुत दूर-दूर से पैदल चलकर आते हैं, लेकिन उसे यहाँ से निराश हो कर वापस जाना पड़ता है। इसी बीच व्हाट्सएप पर एक मैसेज वायरल कर दिया गया, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई, व्हाट्सएप मैसेज में कहा गया था कि 12/09/2019 को मात्र सरकारी खर्च पर सहरसा स्टेडियम में ड्राईविंग लाइसेंस बनाया जाएगा, जिससे काफी संख्या में आम आदमी पहुँचे लेकिन वहाँ इस तरह का कोई भी कायर्क्रम नही था, जिससे लोगों को एक बार फिर से निराश हो लौटना पड़ा। मौके पर राहुल भगत, अंकित भारद्वाज, इंजीनियर निरंजन किसन, झलेंद्र यादव, सुभाष, परवेज, दिलखुश, बिट्टू, संतोष, कुंदन, टुनटुन मुकेश, अमित, विक्रम, रुपेश, शमशाद खान, पप्पू, सत्यनारायण राम, भावेश, संकेत, तपेश्वरी यादव, विजय भगत, फुलेश्वर, अभिनंदन, भूषण, प्रभात सैकड़ों लोग लाइसेंस बनाने के लिए उपस्थित हुए थे।