फर्जी कागजात के आधार पर सिपाही बना युवक गिरफ्तार

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सहरसा – बिहार के गया जिलान्तर्गत महकार थाना के लक्षुबिघा गाँव निवासी स्व० भागवत प्रसाद के पुत्र रवीन्द्र कुमार ने फर्जी कागजात के बल पर करीब डेढ़ महीने तक बिहार पुलिस बनकर मुन्नाभाई एमबीबीएस फ़िल्म के अभिनेता की कहानी को दोहराने का घृणित प्रयास किया। लेकिन करीब डेढ़ महीने बाद सहरसा पुलिस-प्रशासन ने रविवार को उसे गिरफ्तार कर, फर्जीबाड़े कांड का भंडाफोड़ कर दिया।

इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक के आदेश पर हुई जाँच बाद सहरसा सदर थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई है। इस मामले का भंडाफोड़ होते ही पुरे पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई है। सदर थाना सहरसा कांड संख्या 354/20 दिनांक 24 अप्रैल 2020 के अनुसार पटना उच्च न्यायालय के अनुसार केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती) बिहार द्वारा प्रकाशित विज्ञापन अंतर्गत मुजफ्फरपुर जिला में अहियापुर थाना अंतर्गत गरहां गाँव निवासी हरिश्चंद्र राय के पुत्र मुन्ना कुमार सिपाही पद के लिए चयनित किये गए थे। जिसे सहरसा जिले में योगदान करने हेतु निर्देशित भी किया गया था।

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चयनित अभ्यर्थी मुन्ना कुमार जब तक सहरसा में अपना योगदान देते, इसके पूर्व ही युवक रवीन्द्र कुमार चयनित अभ्यर्थी मुन्ना कुमार के नाम से फर्जी रूप से सभी कागजात बनाकर पिछले 04 मार्च 2020 को ही सहरसा में सिपाही पद पर योगदान देकर बहाल हो गए। जिसके बाद जिला पुलिस-प्रशासन ने उसके नाम से सिपाही संख्या 149 कोड भी आवंटित कर दिया। लेकिन इसके ठीक ड़ेढ माह बाद 20 अप्रैल 2020 को चयनित अभियार्थी मुन्ना कुमार जब सहरसा पहुँचकर योगदान देने के लिए उपस्थित हुए पुलिस महकमे में खलबली मच गई।

पुलिस महकमे में तत्काल यह चर्चा का विषय भी बन गया बाद में पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्गत आदेश के ज्ञापंक – 1164/र०का० दिनांक – 21 अप्रैल 2020 के द्वारा पुअनि उमाकांत उपाध्यक्ष पुलिस केन्द्र सहरसा को मामले की जाँच करने का भार सौंपा गया पुअनि उमाकांत उपाध्याय ने मुजफ्फरपुर के गरहां गांव पहुँचकर मामले का भौतिक सत्यापन करते हुए 23 अप्रैल 2020 को पुलिस अधीक्षक सहरसा को अपना जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया बाद में पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार साईबर सेल प्रभारी मंगलेश कुमार मधुकर ने सिपाही पद पर योगदान देकर डेढ़ महीना से ड्यूटी करने वाले मुन्ना कुमार (रवीन्द्र कुमार) के मोबाइल के जरिये वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त कर ली।

इस दौरान यह स्पष्ट हो गया कि मुन्ना कुमार के नाम से पिछले 04 मार्च 2020 को फर्जी कागजात के बल पर योगदान देते हुए पुरे पुलिस महकमे की आँख में धुल झोखने का काम करते रहा। जांचोपरांत पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार सहरसा पुलिस केन्द्र प्रभारी परिचारी प्रवर राजेश्वर सिंह ने 24 अप्रैल 2020 को सदर थाना सहरसा में इस फर्जीवाड़े से सम्बंधित प्राथमिकी दर्ज कराई। इस सम्बंध में सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी ने रविवार को बताया कि फर्जी कागजात के बल पर बिहार पुलिस के पद पर योगदान कर ड्यूटी करने वाले युवक रवीन्द्र कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस रैकेट में और कौन लोग शामिल रहे हैं, उसकी भी छानबीन की जा रही है।

रितेश : हन्नी
कोशी की आस@सहरसा

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