रितेश : हन्नी
कोसी की आस@सहरसा
लोकाआस्था के महापर्व छठ के समापन के साथ ही पर्व देश-विदेश से आए श्रद्धालु अपने-अपने कार्य क्षेत्र की ओर वापसी करने लगे हैं। जिसकी वजह से मधेपुरा, सहरसा तथा सुपौल (वर्तमान में संचालित स्टेशन) समेत सभी रेलवे स्टेशनों पर यात्रियो की काफी भीड़ देखी जा सकती है। सबसे ज्यादा मारा-मारी रिजिर्वेशन टिकट काउंटर पर हो रही है, तत्काल के लिए लोग एक दिन पहले से लाइन में लग जा रहे हैं ताकि पहला नंबर मिल सके क्योंकि भीड़ की वजह से लाइन में 2 और 3 नंबर वालों को आरक्षित सीट मिलने की काफी कम संभावना है।
स्पेशल ट्रेन चलने के बावजूद भी फायदा नहीं
महापर्व छठ को लेकर स्पेशल ट्रेन चलने के बावजूद भीड़ नियंत्रण से बाहर दिख रहा था। यूँ तो ऐसे भी सहरसा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों भीड़ लगा रहता है और उसमें भी महापर्व छठ त्योहार हो तो उसका क्या कहना? यूँ तो स्टेशन प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए प्रयासरत दिखा लेकिन भीड़ की तादाद की वजह से वह प्रयास भी काफी कम प्रतीत होता है।