रितेश : हन्नी
कोसी की आस@सहरसा
बेवज़ह होती पुलिस बदनाम है,
हाथ बांधे सरकार, बनाये होते नाक़ाम है!!
कितने “तेज़” दिखते हैं, बदन पे होते यूनिफॉर्म है,
जो नींद उड़ाये रखते अपराधियों के, पुलिस उनके नाम हैं!!
मुहब्बत बांटने वाले के लिए, शान्ति के पैग़ाम हैं,
देशद्रोहियों व गुंडे मवालियों के लिये, क्रांति के आयाम हैं!!
क़ानून व नियम क़ायदे के अटूट परिभाषा है,
कंधे पे सजी बंदूक चौबीस घंटे, त्याग व समपर्ण की
अभिलाषा है!!
वक़्त पड़ने पर आधे भोजन से उठने वाले, ये भी एक
इंसान हैं,
मत करो ज़ुल्म इन पर हैवानों, इनके गोलियों के पक्के
निशान है!!
अपने घर द्वार छोड़, हमारी सेवा में इनके जीवन न्योछावर है,
हमारा प्यार व सम्मान ही पुलिस की, परिवार और त्योहार है!!
पुलिस के शौर्य पे शक मत करना, हैदराबाद के रेपिस्टों का हाल जीता-जागता प्रमाण है,
बस अपना काम करते जाना भारतीय शेरों, ख़ाकी तुझे मेरा सलाम है!!
बेवज़ह होती पुलिस बदनाम है,
हाथ बांधे सरकार, बनाये होते नाक़ाम है!!
#salute_haydrabad_police
#salite_delhi_police
हैदराबाद और दिल्ली पुलिस के द्वारा किये गए करवाई को समर्पित उपरोक्त पंक्तियाँ महुआ बाज़ार, सहरसा के “स्नेह राजहंस” (संतोष कुमार) द्वारा हमारे सहरसा के प्रतिनिधि को प्रेषित किया है।