कोशी में जायकेदार पिज्जे का मजा, पूर्व मंत्री ने लजीज पिज्जा रेस्टोरेंट का किया उद्दघाटन

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सहरसा (बिहार) :- शुक्रवार को बिहार के अति पिछड़े इलाके कोसी प्रमंडल मुख्यालय सहरसा के विशाल मेगा मार्ट पूरब बाजार के समीप लजीज पिज़्ज़ा के आकर्षक रेस्टोरेंट का विधिवत उद्दघाटन हुआ। बिहार सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सह वर्तमान आलमनगर विधायक नरेंद्र नारायण यादव ने फीता काट कर, इस रेस्टोरेंट का उद्दघाटन किया।

इस मौके पर कई गणमान्य लोग भी मौजूद थे। लजीज पिज्ज़ा हाउस के ऑनर यश प्रियम और सक्षम सिंह ने कहा कि अब कोसी जैसे रिमोट इलाके में जायकेदार वेज और नॉन वेज पिज़्ज़ा का आनंद लोग, कम पैसे खर्च कर के उठाएंगे। रिश्ते में भाई यश और सक्षम ने समवेत आगे कहा कि उनके नए प्रतिष्ठान में लजीज पिज्जे के चालीस तरह के वेरिएशन हैं। 110 रुपये से लेकर 350 रुपये तक के पिज्जे अभी यहाँ मिलेंगे।

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ग्राहकों की सुविधा के लिए कुछ दिनों तक, कीमत में दस प्रतिशत कम का ऑफर रहेगा। पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने रेस्टोरेंट के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों के खुलने से विकास के भी पट खुलेंगे। युवाओं के स्वरोजगार में भागीदारी से, अन्य युवाओं का स्वरोजगार के प्रति रुझान बढ़ेगा। हम इस प्रतिष्ठान की तरक्की की हृदय से कामना करते हैं। नरेंद्र नारायण यादव ने जोर देते हुए कहा कि युवाओं को छोटी जगह में भी कुछ बड़ा करने का जोखिम उठाना चाहिए। यह एक प्रयोग भी है और इसकी सफलता से अन्य युवाओं में भी प्रेरणा जगेगी।

यश प्रियम और सक्षम ने कोलकाता स्थित गुरु नानक इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से शिक्षा ग्रहण किये हैं। दोनों ने पेलांगी बीच रिसॉर्ट एन्ड स्पा, लैंग काबी, मलेशिया से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग भी की है। यही नहीं, इन दोनों ने शेरा टन ग्रेंड चेन्नई रिसॉर्ट एन्ड स्पा में चेनीज शेप के रूप में सेवा भी दे चुके हैं। यश ने बताया कि कस्बाई शहर सहरसा में लाखों की पूंजी लगाकर उन्होंने, यह व्यवसाय शुरू किया है। उन्हें विश्वास है कि अपनी सर्वोत्तम सेवा से वे क्षेत्र के ग्राहकों का मन मोह लेंगे और इस व्यवसाय में वे लम्बी लकीर खींचकर रहेंगे। कम मुनाफे में, शुद्ध व्यंजन उनकी प्राथमिकता है।

यश के पिता सुधीर भारती और सक्षम के पिता प्रभात कुमार सिंह, काफी खुश थे कि बच्चों ने जिस व्यवसाय का आगाज किया है, उसमें वे सफलता के चरम पर पहुँचे। सुधीर भारती ने कहा कि वे सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी है। अपने सेवा काल में उन्होंने ईमानदारी को अपने जीवन का फलसफा बनाया था। उन्हें उम्मीद है कि ये दोनों भाई भी ईमानदारी से व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए, मिल का पत्थर साबित होंगे।

रितेश : हन्नी
कोशी की आस@सहरसा

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