राजेश कुमार सहरसा……
मक्का की खेती के लिए कोसी क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे इस क्षेत्र में पीला सोना भी कहा जाता है। इस इलाके में रबी, गरमा और खरीफ तीनों सीजन में मक्का का उत्पादन होता है। किसान काफी लागत और मेहनत के बल पर इसकी खेती करते हैं। मक्का का उचित बाजार भाव नहीं मिलने के कारण किसान इसकी खेती से विमुख होने लगे थे। लेकिन अब सरकार ने मक्का उत्पादन की रिपोर्ट के आधार पर किसानों की समस्या को दूर करने की योजना बनाई है। सहकारिता विभाग ने आईसीडीपी योजना के तहत लगभग 70 करोड़ की लागत से तीन प्रसंस्करण उद्योग तथा एक कार्नफ्लेक्स यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारीनुसार अगले वित्तीय वर्ष में इसकी स्थापना हेतु सरकारी स्तर पर तैयारी चल रही है। प्रसंस्करण उद्योग तथा कार्नफ्लेक्स यूनिट की स्थापना से कोसी क्षेत्र में एक कृषि क्रांति आ सकती है। इस उम्मीद से किसानों ने मक्का की खेती भी तेज कर दिया, इस वर्ष किसानों को इसका लाभकारी मूल्य भी मिल रहा है। व्यापारी गांव- गांव में जाकर किसानों से मक्का खरीद रहे हैं। इसबार गेहूं से भी इसका अधिक मूल्य मिल रहा है। अगर इस प्रकार किसानों को उचित मूल्य मिलता रहा और आनेवाले दिनों में प्रसंस्करण उद्योग स्थापित हो गया तो किसानों की तकदीर बदल जाएगी। इससे क्षेत्र भी आर्थिक उन्नयन भी होगा।
प्रतिवर्ष पचास हजार हेक्टेयर में होती है मक्का की खेती
कृषि विभाग से मिली जानकारीनुसार तीनों सीजन मिलाकर सहरसा जिले में 40 से 50 हजार हेक्टेयर भूमि में मक्का की खेती होती है। इलाके के किसान इस खेती के बल पर अपने बेटे की पढ़ाई से लेकर बेटी के हाथ पीले करने तक की योजना बनाते हैं। बीच के कुछ वर्षों में लाभकारी मूल्य नहीं मिल पाने के कारण किसान उदासीन होने लगे। इस बीच सहकारिता विभाग की पहल और दूसरे प्रदेशों में मक्का की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमतों में उछाल आया। व्यापारी रेल व हवाई मार्ग से नेपाल, पंजाब, दिल्ली से लेकर पाकिस्तान और बंगलादेश तक इसे भेजकर मालामाल होते हैं। इसी मक्का से बननेवाले कार्न फ्लेक्स, पापकार्न सहित अन्य उत्पाद दूसरे जगहों से बनाकर काफी महंगी कीमत में बाजार में बेचा जा रहा है। आनेवाले दिनों में यह इस इलाके में भी तैयार होगा।
——— मक्का किसानों के लिए भी खुलेगा क्रय केन्द्र
—– अबतक क्रय केन्द्रों पर धान और गेहूं की खरीद तो होती रही है। परंतु मक्का के लिए यह सुविधा नहीं है। आईसीडीपी योजना के तहत सहकारिता विभाग ने न सिर्फ तीन मक्का प्रोसेसिग यूनिट, एक कार्नफ्लेक्स यूनिट खोलने का प्रस्ताव भेजा है बल्कि मक्का की थोक व खुदरा खरीद के लिए भी केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। ताकि किसानों को मक्का बेचने के लिए भटकना नहीं पड़े।——
मक्का उत्पादन के लिए कोसी क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। इसकी खेती के बदौलत इलाके के किसान को काफी खुशहाल हो सकते है। उत्पादन के लिहाज से यहां अबतक अन्य सुविधा नहीं है। आईसीडीपी योजना के तहत तीन प्रसंस्करण उद्योग और एक कार्नफ्लेक्स यूनिट स्थापित करने के लिए प्रस्ताव विभाग को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि आनेवाले वर्ष में इसपर काम होगा।