सदर अस्पताल सहरसा में व्याप्त कु-व्यवस्था को लेकर किया एक दिवसीय भुख हड़ताल

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रितेश : हन्नी
कोशी की आस@सहरसा

जिला मुख्यालय अंतर्गत सदर अस्पताल में वर्षों से बंद परे आईसीयू सेवा एवं ज़िले के कई प्रखंडो में वर्षों से बंद परे स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केंद्र को सुचारू रूप से चालु करवाने की माँग को लेकर मंगलवार को स्टेडियम बाहरी परिसर में कोशी युवा संगठन के तत्वावधान में युवा नेता सोहन झा के नेतृत्व में एक दिवसीय भूख हड़ताल किया गया।

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अनशन के उपरान्त संगठन के सदस्यों ने ज़िला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपकर ज़िले के स्वास्थ्य व्यवेस्था को सुदृढ़ करने की मांग की है। कोशी युवा संगठन के संस्थापक युवा नेता सोहन झा ने बताया की सहरसा सदर अस्पताल दलालों के चंगुल में पूरी तरह फँसा हुँवा है ज़िले के निजी अस्पताल को फ़ायदा पहुँचाने के लिए सदर अस्पताल को बद से बत्तर हालात में पहुँचा दिया है।

सोहन झा ने कहा कि सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक का भी जमीर मर चुका है। लगभग सभी डॉक्टर अपना अपना निजी अस्पताल खोल रखे है, अपने निजी अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए सदर अस्पताल के आईसीयू सेवा को बंद कर मरीजों को निजी अस्पतालो का सहारा लेने के लिए मजबूर किया जाता है, ताकि इन मरीजों से मोटी कमाई की जा सके। चिकित्सको को जिस मरीज की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं लगती, जो निजी अस्पताल जाने में असमर्थ दिखता है उसे दरभंगा, पटना रेफर कर दिया जाता है।

सोहन झा ने कहा कि सहरसा जिले के प्रति यहाँ के स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर बिहार सरकार तक अपना आँख बंद किए हुए है। जबकि सहरसा ज़िला के अधिकतर लोग मेहनत मज़दूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करता है। ऐसे लोगो के लिए निजी अपस्पतल या दरभंगा, पटना जा कर इलाज कराना संभव नहीं होता है। इलाज के अभाव में इनकी मौत तक हो जाती है।

सोहन झा ने कहा कि कोशी क्षेत्र पिछड़े इलाकों में गिना जाता है यहां करीब 70% आबादी गरीबी रेखा से नीचे का जीवन यापन करते हैं फिर भी स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मामले में हमारा जिला पिछड़ा हुआ है। युवा नेता सोहन झा ने आगे कहा कि एक तरफ़ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार जी कहते हैं कि हमारा बिहार आगे बढ़ रहा है, जबकि सहरसा ज़िला में कुछ वर्ष पहले तक कई पंचायत में स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केंद्र हुआ करता था लेकिन आज वहाँ सिर्फ़ ज़र ज़र भवन बचा हुआ है।

यहां जिले में ना तो सभी स्वास्थ्य केंद्र और ना ही उपस्वास्थ्य केंद्र सुचारू रूप से काम कर रहा है उन्होंने कहाँ की अस्पताल में संसाधन पर्याप्त है। प्रसव के दौरान नर्सो की मनमानी, ब्लड बैंक में बिचौलियागिरी, सफाई व खाना में कमीशनखोरी अस्पताल में व्याप्त है। लेकिन अस्पताल के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नही जा पा रहा है। संगठन के संस्थापक युवा नेता सोहन झा ने कहा कि अगर जल्द से जल्द सरकार सहरसा के स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं करवाती है तो हमलोग उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगे। मौके पर रोशन झा, बिटटू रॉय, शिवशंकर रॉय, कमाल, आशिस झा, उगन, मनु रॉय, रमेश शर्मा, सागर रॉय, मुकेश झा, ख़ुर्शीद, राघव, हिमांशु, विकास, बाबु, राजा, पप्पू सहित अन्य मौजूद रहे।

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