रितेश : हन्नी
कोसी की आस@सहरसा।
बाजार व मुहल्ले में लगा है कचरे का अंबार
सहरसा – शहर में हर ओर कचरा फैला हुआ है। दीपावली का पर्व भी नजदीक आ रहा है। लेकिन शहर की साफ-सफाई की स्थिति बहुत ही दयनीय है। स्कूल के आगे कचरा जमा होने के कारण स्कुल जाने वाली छात्राओं को दुर्गंध से बचने के लिए मुंह पर रुमाल रखकर गुजरना पड़ता है। वहीं नगर परिषद के सफाईकर्मी सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे है। नगर परिषद प्रतिदिन शहर को स्वच्छ रखने का दावा करती है। परंतु नगर परिषद का दावा खोखला साबित हो रहा है।
शहर बाजार के मुख्य सड़क सहित वार्ड के विभिन्न मुहल्लों में कूड़ों का अंबार लगा हुआ है, लेकिन सफाई शून्य मालूम हो रहा है। मालूम हो नगर परिषद क्षेत्र में सफाई को लेकर नगर परिषद क्षेत्र में एक सौ से अधिक सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। परंतु शहर के वार्डो की स्थति काफी दयनीय है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कर्मचारी मनमाफिक तरीके से सफाई का कार्य करते हैं। जबकि सफाई कर्मियों को डोर-टू-डोर कूड़ा का उठाव करना है, परंतु आज तक एक भी सफाई कर्मचारियों ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव का कार्य नहीं किया है। इससे सड़क एवं घर के आगे में कूड़ा अक्सर जमा रहता है। कभी-कभी सफाई कर्मचारी सफाई कर अपनी ड्यूटी को निभाते हैं।
इस बाबत जब हमने युवा समाजसेवी गुड्डू हयात से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि कचरा के दुर्गंध और सड़क पर जमा गन्दे पानी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। वहीं वार्ड नं० 7 निवासी जाप नेता ताबिश मेहर ने शहर की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि जलजमाव व कचरे के कारण बढ़े मच्छरों की संख्या ने लोगों के नाक में दम कर रखा है और संक्रमण का खतरा बढ़ा है। नगर परिषद को इस दिशा में कड़े कदम उठाने की जरूरत है, तभी शहर की सफाई अच्छे तरीके से हो पाएगी।