समाज के नकली आडंबर की शिकार हुई मधु (आकृति सिंह)

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ये समाज अपने निकृष्टतम स्वरूप को प्राप्त कर चुका है। सड़ी-गली ईज्जत, झूठे दंभ और बेकार शानो-शौकत में एक लड़की की मौत इसके लिए आम बात है। बीते बुधवार सहरसा जिला के सोनबरसा थाना क्षेत्र के विराटपूर गाँव में शादी में मनोरंजन (नाचने) के लिए मूल रूप से सुपौल निवासी और सहरसा में ही किराए के मकान में रहने वाली मधु (आकृति सिंह) को उसके ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के साथ मनोरंजन (नाचने) के लिए बुलाया गया था। मधु (आकृति सिंह) को स्टेज पे एक गाने पर नाचते वक्त नशे में धुत एक अनाम शक्स ने गोली मार हत्या कर दी गई।

यदि लड़की ऑर्केस्ट्रा में नाचने वाली हो और ‘पियवा से पहिले हमार रहलू…’ गाने पर नाचते वक्त गोली मार दी गई हो तो फिर किसको ही क्या फर्क पड़ता है?

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अब तक मिली जानकारी के अनुसार मधु (आकृति सिंह) के पिता की मौत दस साल पहले हो जाने के बाद परिवार और बीमार माँ की ज़िम्मेदारी उसी के कंधे पर आ गई थी और इसी वजह से उसे परिवार चलाने के लिए ऑर्केस्ट्रा में नाचने को मजबूर होना पड़ा था। उसकी हत्या का विडियो आया है जिसमे उसके ‘पियवा से पहिले हमार रहलू…’ गाने पर नाचते वक्त कुछ नोट उड़ाए जाते हैं, उसके साथ ही रिवॉल्वर चलाते युवक दिखता है और नाचते-नाचते ही मधु (आकृति सिंह) स्टेज पर ढ़ेर हो जाती है। घटना विराटपुर गाँव की है जहाँ शादी में आए बाराती और अतिथियों के मनोरंजन के लिए ऑर्केस्ट्रा का इंतजाम था। ‘नाइट स्क्रीन’ नाम के इस आर्केस्ट्रा में मधु (आकृति सिंह)  मुख्य डांसर थी। बुधवार शाम को प्रोग्राम शुरू हुआ। शादी थोड़ी हाई-प्रोफ़ाइल थी और कई स्थानीय पुलिस ऑफिसर भी आमंत्रित थे। शुरुआती कुछ घंटे तक पुलिस मौके पर मौजूद रही और सबकुछ नियंत्रण में रहा, लेकिन देर रात माहौल बदल गया।

पुलिसवालों के जाते ही लोग नशे में धुत्त होकर हवा में फायरिंग करने लगे। आर्केस्ट्रा के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति के अनुसार “माहौल खतरनाक हो गया था, शराब के नशे में धुत्त लोग झूम रहे थे, करीब 75 से अधिक लोग ऐसे थे जिनके हाथ में हथियार थे और वो एक के बाद एक लगातार हवा में फायरिंग कर रहे थे। गोली चलने से आर्केस्ट्रा ग्रुप के लोग डरे हुए थे, लेकिन उनके पास प्रोग्राम जारी रखने के अलावा कोई चारा न था। मधु (आकृति सिंह) लोगों की फरमाइश के अनुसार लाउड भोजपूरी व हिन्दी गीतों पर नाच रही थी, कुछ लोग मंच पर चढ़कर उस पर पैसे लुटा रहे थे और सामने खड़े लोग फायरिंग कर रहे थे। इसी दौरान एक गोली चली और मधु (आकृति सिंह) के सिर में आकर लगी, गोली लगते ही मधु (आकृति सिंह)  मंच पर गिर गई और उसके सिर से तेजी से रक्त स्राव होने लगा। डांसर को गोली लगते ही आर्केस्ट्रा देखने वाले लोग भाग गए। आर्केस्ट्रा ग्रुप के लोगों ने किसी तरह मधु को सहरसा बाजार स्थित हॉस्पिटल पहुंचाया जहाँ इलाज के दौरान गुरुवार सुबह करीब छह बजे उसकी मौत हो गई।

वैसे पुलिस ने स्थानीय थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है और दो आरोपी को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत मे भेज दिया है लेकिन ये सब सिर्फ माहौल को शांत करने के लिए किया गया है, क्योंकि जिस थानाध्यक्ष को निलंबित किया गया है वो (सुमन कुमार) तो उस दिन अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ शादी में छुट्टी लेकर गए हुए थे।

कुछ सवाल हैं जिसके लिए कोई सिर्फ प्रशासन को दोषी ठहराया जाना गलत है, प्रशासन कमजोर जरूर है, लेकिन इसके साथ ही हमारा समाज भी सामूहिक रूप से दोषी है। शराबबंदी के बावजूद इस स्तर पर शराब पीकर प्रदर्शन करना, शादी मे दर्जनों गैरलाइसेन्सी बंदूकें लहराना, लाउड म्यूजिक ऑर्केस्ट्रा और शानो-शौकत, दिखावे के लिए सरेआम कानून तोड़ना आज हमारे समाज मे फ़ैशन है और लोग ये सब बड़े ठाठ से कर रहे हैं। अश्लीलता मुक्त समाज की झूठी थोथी करने वाले लोग क्यों नहीं ऐसे शादियों का विरोध करते हैं? यहाँ तो पूरा समाज ही अश्लील है जबकि लोग हमेशा कलाकार को दोष देते हैं। तो क्यों नहीं यदि एक लड़की की ऐसे हत्या हुई है तो आपके मुंह से क्यों आवाज़ नहीं फूटता? क्या सिर्फ गोली चलाने वाला दोषी है? अंधाधुंध फायरिंग करते जिस शराबी भीड़ के सामने नाचते हुए उस लड़की की मौत हो गई, क्या उसमें उपस्थित हरेक व्यक्ति दोषी नहीं है? क्या हमारा पूरा समाज मधु (आकृति सिंह) का हत्यारा नहीं है?

 

सुशांत सिंह,

सहरसा

 

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