राजेश कुमार सहरसा…….
सहरसा- जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के बरहशेर पंचायत के मझौल गांव में रास्ता की मांग को लेकर एक परिवार के सदस्यों का अनिश्चित कालीन आमरण अनशन बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। अनशनकारियों में दो की स्थिति गंभीर बताई जाती है। वहीं पूर्व सूचना के बाद भी अनशनकारियों के स्वास्थ्य परीक्षण करना तो दूर जायजा लेने भी स्वास्थ्य टीम अनशन स्थल पर नहीं पहुंची है। हालांकि अंचलाधिकारी अखिलेश कुमार एवं राजस्व कर्मचारी मिथिलेश खां स्थल पहुंच पूर्व की भांति आश्वासन देकर अनशनकारियों को अनशन समाप्त करने का प्रयास भी किया। मगर अनशनकारियों ने ऐसे आश्वासन कई बार अधिकारियों द्वारा दिये जाने एवं समस्या जस के तस बने रहने पर दुख व्यक्त करते हुए समस्या के निदान होने तक अनशन जारी रहने की अपनी जिद पर अडिग रहे।
अनशनकारियों का कहना था कि सरकारी रास्ता के जमीन को दबंगों के कब्जे से प्रशासन मुक्त करवाये नहीं तो पूरे परिवार भूखे मर जाएंगे। घर से बाहर निकलने के लिए रास्ता नहीं रहने के कारण परिवार के सभी सदस्यों ने अपने ही घर पर रास्ता होने तक अनशन जारी रखने को संकल्पित हैं। अनशनकारियों में पांच माह के बच्चे की मां सजनी देवी एवं रुणा कुमारी कि स्थिति गंभीर बताई जा रही है। वहीं परिवार के सदस्य गायत्री देवी, रमेश साह,सावित्री देवी, चन्द्रिका देवी, रोशनी कुमारी बेसुध पड़ी हुई है। इनका कहना था कि घर से निकलने वाले रास्ते को स्थानीय दो दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर घर बना दिया गया है। जिस कारण हम लोगों को अपने घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इस मामले को लेकर विगत दो वर्षों से प्रखंड कार्यालय से जिला कार्यालय तक का चक्कर लगा थक चुके हैं। हर बार आश्वासन का सब्जबाग दिखा वापस लौटा दिया जाता था। अपने ही घर में कैद रहने से मजबूरन अनशन का रुख अख्तियार करना पड़ा।