महिषी-नवहट्टा (सहरसा) : 14 माह के बीडीओ की नौकरी के बाद, खाकी से खादी तक का सफर। जी हाँ हम बात करने जा रहे हैं, सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम कृष्ण की, जो एक गरीब घर में जन्म लेकर मेहनत मजदूरी के पैसे से बीडीओ जैसे सम्मानित पद को हासिल किया। लेकिन भ्रष्ट सिस्टम के कारण वे अपने पद से इस्तीफा देकर नेताजी बनने के राह पर चले आए हैं।
आपको बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में गौतम कृष्ण जन अधिकार पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्होंने 22000 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन चुनाव के कुछ ही दिन बाद जन अधिकार पार्टी से बागी हो, “पीपुल्स पावर” नाम का संगठन बनाकर क्षेत्र और छात्र की समस्या के लिए काम करने लगे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के घोषणा के पूर्व उन्होंने राजद की सदस्यता ग्रहण की। टिकट की काफ़ी गहमागहमी के बीच तेजस्वी यादव ने उन्हें महिषी विधानसभा से महागठबंधन के राजद प्रत्याशी के रूप में घोषित किया और टिकट दिया।
अब देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि महिषी विधानसभा में महागठबंधन के प्रत्याशी पूर्व बीडीओ गौतम कृष्ण, एनडीए के प्रत्याशी 2005 के विधानसभा चुनाव के पूर्व विधायक गूँजेश्वर साह, रालोसपा गठबंधन के लोकप्रिय युवा नेता जिशु सिंह व पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर के पुत्र अब्दुल रज्जाक भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तथा पप्पू यादव की पार्टी जाप से नुनु यादव में से ऊँट किस करवट बैठेगा और किसको मिलेगा महिषी विधानसभा का ताज? हालांकि राजद प्रत्याशी पूर्व बीडीओ गौतम कृष्ण व जदयु प्रत्याशी गूँजेश्वर साह में कड़े मुकाबला होने का कयास लगाया जा रहा है।
राजेश डेनजील
कोशी की आस@महिषी, सहरसा