रितेश : हन्नी
कोसी की आस@सहरसा
जिले में मंगलवार को सीएए और एनआरसी के समर्थन में युवाओं ने भव्य जुलूस निकाला, जिसमें शहर के तमाम लोगों ने भाग लिया। शहर के एम एल टी कॉलेज से यह जुलूस निकलकर सहरसा के प्रमुख मार्गों से गुजरता हुए समाहरणालय पहुँचकर एक नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गया। जुलूस में बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। हाथ में तिरंगा लिए जमकर नारेबाजी भी उनके द्वारा की जा रही थी।
बता दें कि इस दौरान सभी डीजे, बैंड की देशभक्ति गीतों पर नाचते-झूमते रहे। युवाओं के आतंकवाद से आजादी, अलगाववाद से आजादी, इंडिया फॉर इंडियंस, नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद, अमीत शाह जिंदाबाद आदि नारों से पूरा दिन शहर गूंजता रहा। जुलूस में शामिल युवाओं के अनुसार सीएए और एनआरसी सरकार का सराहनीय कदम है। देश में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। विदेशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के लिए सरकार चिंतित है। उन्हें वहाँ प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है। लोगों ने कहा कि सीएए और एनआरसी से देशवासियों को कोई खतरा नहीं है। राष्ट्रीय हित की रक्षा के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सबों को इसका स्वागत करना चाहिए। साथ ही साथ समर्थन रैली में शामिल लोगों ने कहा कि विपक्षी ताकतें एकजुट होकर वोट की राजनीति कर रही हैं। उन्हें देश से कोई मतलब नहीं है। सहरसा के युवाओं के द्वारा सीएए और एनआरसी के समर्थन में आयोजित जुलूस का समर्थन आम जनमानस ने किया है।
युवाओं के जुलूस को लेकर, सहरसा पुलिस सक्रिय रही
सदर एसडीओ शम्भूनाथ झा, सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात रंजन, नगर थाना अध्यक्ष राजमणि, ट्रैफिक इंचार्ज नागेन्द्र राम, गोपनीय रीडर संजय सिंह, एसआई द्रवेश कुमार, मंगलेश मधुकर सहित दर्जनों मैजिस्ट्रेट खुद इसकी कमान संभाले रहे। जुलूस के साथ पुलिस बल की तैनाती थी। समर्थन मार्च खत्म होने तक हर चौक पर पुलिस जमी रही।
समाहरणालय पहुंचने के बाद एक शिष्टमंडल डीएम से मिलकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा
नागरिकता संशोधन कानून 2019 के समर्थन में युवाओं के साथ चल रहे छातापुर विधानसभा के लोकप्रिय विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाये गए क़ानून ‘नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA)’ का हम स्वागत करते हैं। यह कानून नागरिकता देने वाला है, लेने वाला नहीं। यह कानून किसी धर्म के विरोध में नहीं है, इससे भारत में रहने वाले हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई व अन्य समुदाय, कोई प्रभावित नहीं होता है। इस क़ानून से बाहर से यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से आये अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है, जिनका वहाँ शोषण उत्पीड़न होता है। उन शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए ये कानून है।
इस अवसर पर सोनबरसा विधानसभा के पूर्व विधायक और भाजपा नेता किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि विपक्षी पार्टी खासकर कांग्रेस, राजद, वामपंथी विचारधारा द्वारा लगातार प्रचारित किया जा रहा है कि यह क़ानून मुसलमान विरोधी है और गरीब विरोधी है। जबकि सच्चाई यह नहीं है। सच्चाई यह है कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 लोगों को न्याय देने वाला है। जहाँ तक बात मुसलमान की है तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं हैं और वे इस्लामिक देश हैं। धर्म के आधार पर बने हुए देश हैं।भारत में रहने वाले लोग चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान, एक साथ रहते हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी देश को सदन से भरोसा दिलाया है और बार–बार कहा है कि इस क़ानून से देश की जनता को कोई परेशानी नहीं होगी, चाहे वो किसी भी धर्म का हो।
सहरसा के पूर्व विधायक संजीव झा ने कहा कि NRC अभी लागू भी नहीं हुआ और न ही उसका रुपरेखा तैयार हुआ है। फिर भी उस पर हंगामा करना और देश में हिंसा करना उचित नहीं है। यह सही है कि NRC जब भी आएगा, तब उससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। उसमें भी देश के लोगों की नागरिकता पर खतरा नहीं होगा, लेकिन जो अवैध घुसपैठ करने वाले लोग हैं, उनके लिए NRC है। असम में NRC सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हुआ है, लेकिन विपक्षी पार्टियां इस पर भ्रांति फैला रहे हैं। सहरसा के पूर्व विधायक आलोक रंजन ने कहा कि एनआरसी, सीएए के विरोध के नाम पर हिंसा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई होने चाहिए। साथ ही सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर भीड़ को जुटा कर लोगों को जो बरगलाने का काम चल रहा है, सरकार उस पर भी ध्यान रखे। जहाँ सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई, नुकसान करने वालों से वसूल कर किया जाय। हिन्दू-मुसलमान यहाँ मिलकर रहते हैं। उनमें कोई फर्क नहीं है। NRC और CAA दोनों मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि देश हित में है।
समर्थन पैदल मार्च में भाजपा जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह, शिव भूषण सिंह, अरविंद सिंह, रामसुंदर साह, शशिशेखर झा सम्राट, मुन्ना सिंह, राजू सिंह, युवा मोर्चा ज़िला अध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह सिद्धू, विजय बसंत, भगवान जी मुखिया, रमेश चंद्र यादव, हरिओम सिंह, नन्हे सिंह, प्रणव मिश्रा, रौशन झा, पम्पल सिंह, राजवीर सिंह, अमन सिंह, लुकमान अली, अभिषेक वर्धन, ज्योति सिंह, आदित्य ठाकुर, प्रो० गौतम कुमार सहित हजारों लोग शामिल थे।