अक्षय नवमी पर आस्थावान श्रद्धालु नर-नारियों ने सुख-समृद्धि की कामना के साथ किया आवंला की पूजा

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छातापुर (सुपौल) : अक्षय नवमी (आंवला नवमी) के अवसर पर सोमवार को कई मंदिरों और घरों में आस्थावान श्रद्धालु नर नारियों ने आवंला वृक्ष का पूजन किया। इस दौरान पूजन के बाद खीर, खिचड़ी समेत अन्य प्रकार के भोजन का आयोजन किया गया। आस्थावान लोगों ने अपने अपने नजदीकी आंवले के वृक्ष की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना किया। आस्थावान श्रद्धालुओं नए इस दौरान आंवला वृक्ष के नीचे प्रसाद रूप में भोजन ग्रहण भी किया।

आस्थावान श्रद्धालु नर नारियों ने पेड़ पर विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना किया। कच्चे धागे लपेटकर, सिंदूर से तिलक कर आरती की गयी। पूजा-अर्चना के बाद कहीं खीर, पूड़ी, सब्जी, मिष्ठान, तो कहीं खिचड़ी, रसिया आदि का भोग लगाया गया। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं ने आंवला पेड़ की परिक्रमा की। इसके लिए सुबह से विभिन्न क्षेत्रों में आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना के लिए पुरुष व महिलाओं की भीड़ लगी रही।

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आचार्य धर्मेन्द्र नाथ मिश्र, आचार्य राजेश झा, पंडित राज किशोर गोस्वामी, गोपाल गोस्वामी ने बताया कि इस पेड़ नीचे पूजन का विशेष महत्व है। जिसको लेकर आस्थावान भक्त आज आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना विधि विधान पूर्वक कर सुख समृद्धि की कामना करते है। पंडियब्जी ने बताया कि इस पुजनोत्सव का महत्व इस प्रकार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की नवमी तिथि को आंवला नवमी कहते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आवंले के पेड़ पर निवास करते हैं। आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ के पूजन, दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अन्य दिनों की तुलना में नवमी पर किया गया दान-पुण्य कई गुना अधिक लाभ दिलाता है। जिसको लेकर इस व्रत का करने का सिलसिला जारी हो गया।

छातापुर में आज होने वाली अक्षय नवमी पुजनोत्सव का नेतृत्व वरिष्ठ पत्रकार एन के शुशील ने की। उन्होंने अपने उपस्थिति में आंवला वृक्ष की विधि विधान पूर्वक पूजन संपन्न कराने के उपरांत दीप धूप दिखाकर वृक्ष की पूजा अर्चना किया। इसके बाद आंवला वृक्ष के नीचे वैकल्पिक चूल्हे का निर्माण करवाकर प्रसाद रूप में कच्ची भोजन तैयार करवाया। जिसके बाद उन्हें वृक्ष के नीचे रखवाकर प्रसाद रूप में उनका वितरण संपन्न करवाया गया। मौके पर चन्द्र देव प्रसाद भगत, संतोष कुमार भगत, मुकेश कुमार गुड्डू, सोनू कुमार, फुलेश्वरी देवी, संजय कुमार, सोनू भगत, स्नेहा कुमारी, किशमिश कुमारी, विद्या देवी आदि थी।

एन के शुशील
कोशी की आस@सुपौल

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