अक्षय कुमार
कोसी की आस@छातापुर सुपौल।
पूर्ण शराबबंदी के बाद बिहार सरकार ने सूबे में एक साल के लिए 12 प्रकार के पान-मसाला के खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का फरमान जारी किया है। आदेश के अनुसार पान-मसाला बिक्री करते या सेवन करते यदि कोई भी व्यक्ति पकड़े गए तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। हालांकि सरकार के इस नये आदेश का शहरी एवं ग्रामीण इलाके में कोई खास असर नहीं दिख रहा है। पान दुकान से लेकर किराने की दुकान तक में सरकार द्वारा प्रतिबंधित पान-मसाला की बिक्री अब भी जारी है। हाँ नए आदेश के बाद परिवर्तन यह हुआ है कि इसके कीमत में बढ़ोतरी हो गयी है, अब पान-मसाला लगभग 25-100 प्रतिशत अधिक कीमत पर मिल रहा है।
पान-मसाला पर सरकार द्वारा पाबंदी के बाद बाजार में 60 रुपये में मिलने वाला रजनीगंधा पान-मसाला अब 75 रुपये प्रति पैकेट मिल रहा है, वहीं 17 रुपये में मिलने वाला छोटा पैकेट 30 रुपये जबकि 05 रुपये का अधिकांश पान मसाला 10 रुपये में मिल रहा है। सरकार के आदेश का कोई प्रभाव नहीं देखा जा रहा है। प्रतिबंध के बाद पान-मसाला व गुटखा के थोक विक्रेताओं द्वारा कालाबाजारी शुरू कर दी गयी है।
लेकिन पान-मसाला पर बैन किये जाने के बाद लोगों को इसका सेवन या बिक्री किये जाने पर पकड़े जाने के बाद क्या कार्रवाई होगी इसकी जानकारी नहीं है।
बहरहाल पान-मसाला की बिक्री और खपत का सिलसिला जारी है। दुकानदार के द्वारा अब पान मसाला लटकाकर या दिखा कर तो नही बेचा जा रहा है, लेकिन बेचने का सिलसिला पूर्ववत जारी है, प्रशासन इन्हें रोक पाने में अब तक असफल प्रतीत हो रहा है।