छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना मेरा लक्ष्य – डॉ. रणधीर राणा

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लॉक डाउन के चलते प्रदेश भर के स्कूल बंद है। 21 दिनों के लॉकडाउन का बच्‍चों की पढ़ाई पर भी खासा असर पड़ा है। लेकिन शिक्षा प्रणाली में आए बदलाव के साकरात्मक असर भी दिखाई दे रहे हैं। लॉकडाउन के कारण घरों में बंद स्कूली बच्चों के समय के सदुपयोग के लिए राजकीय बबुजन विशेश्वर बालिका उच्चतर माध्यमिक (+2) विद्यालय, सुपौल के शिक्षक डॉ. रणधीर कुमार राणा ने नया तरीका अपनाया है।

उन्होंने नये सत्र में पठन पाठन बतौर ऑनलाइन शुरू कर दिया है। साथ ही घरों में बोर हो रहे स्कूल के बच्चों को लॉकडाउन के अब नये मायने भी मिल गए हैं। पहली बार ऑनलाइन तरीके से शुरू हुई पढ़ाई को लेकर बच्चों को नये तरीके का अनुभव भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि छात्र छात्राओं के शैक्षणिक भविष्य को ध्यान में रख कर इस तकनीक पर जोर दिया गया है। ताकि बच्चे की पढ़ाई पर इसका प्रतिकूल असर न पड़े। ज्ञान-विज्ञान के बढ़ते तकनीक औऱ उनके महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. राणा ने कहा कि अभी के बच्चे मोबाइल में केवल गेम खेले जाने तक ही सीमित नहीं है। उन्हें पहली बार ऑनलाइन पढ़ाई हेतु मोबाइल, लेपटॉप, कंप्यूटर इत्यादि के माध्यम से पढ़ाई के अलग मायनों से भी परिचित हो रहे हैं।

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डॉ. राणा बीते करीब एक वर्ष से स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को इस दिशा में ले जाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। लॉकडाउन के कारण नए सत्र की किताबों से अभी दूर बच्चों को ऑनलाइन नये पाठ्यक्रमों की जानकारी हो रही है। इससे बच्चे पढ़ाई को बिना बोझ समझे कांसेप्ट की डिटेल स्टडी करते दिखाई दे रहे है। ऑनलाइन पढाई, ऐप के जरिए क्रिएटिव तरीके से पाठ्यक्रम को समझने में आसानी होती है। ऐसे में वर्चुअल क्‍लासेज और ऑनलाइन पढ़ाई ने बड़ा सहारा दिया है। पढ़ाई को ले चिंतित छात्रों के लिये डा. रणधीर कुमार राणा ऑनलाइन शिक्षण के लिए संकटमोचक साबित हो रहे हैं।

ऑनलाइन क्लास होने से बच्चे हैं उत्साहित:

अभिभावक अधिवक्ता लक्ष्मी प्रसाद यादव ने बताया कि मेरी बच्ची रितिका कुमारी व वर्तिका कुमारी इंटरमीडिएट में है। लॉक डाउन के कारण बच्चे मोबाइल, टीवी में ज्यादा समय व्यतीत कर रहे थे। और उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। लेकिन, शिक्षा जगत के बुलंद सितारे डॉ. रणधीर कुमार राणा द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था आरंभ होने से बच्चा काफी उत्साहित हैं और प्रत्येक दिन तय समय पर कक्षाएं आरंभ होने का इंतजार करती है। आदर्श शिक्षक डॉ. राणा का यह प्रयास काफी सराहनीय है। जिसको लेकर क्षेत्र में उनकी चर्चा हो रही है।

एन के सुशील
कोशी की आस@सुपौल

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