केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर आहूत आम हड़ताल का दिखा मिला जुला असर

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सुपौल जिले के छातापुर में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर आहूत आम हड़ताल का मिला जुला असर गुरुवार को देखने को मिला। केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर भाकपा व माकपा के नेतृत्व में किसान मजदूर, युवा सने कार्यकर्ताओं ने सुबह के सात बजे से ही सड़कों पर उतरकर बन्दी को सफल बना ते दिखे।

बन्दी के समर्थन में वामदलों ने जुलूस निकालकर किया चक्काजाम लगाए मोदी सरकार के विरोध में नारे। भाकपा अंचल सचिव कामरेड रघुनंदन पासवान के नेतृत्व पार्टी कार्यकर्ताओं ने हाथ में लाल झंडा लेकर सुबह के सात बजे से ही मुख्य सड़क पर उतरकर वाहनों के आवाजाही को जहां पूर्ण रूपेण ठप कराते दिखे वही विभिन्न बैंको पोस्ट आफिस, आदि को भी बंद करवाकर बन्दी को पूर्ण रूपेण सफल बनाने में जुटे दिखे।

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छातापुर बाजार के दुर्गा मन्दिर के समीप से भाकपा नेता श्री पासवान के नेतृत्व में जुलूस भी निकाला गया। जो कि मुख्य बाजार में जाकर नुक्कड़ सभा में तब्दील हुई। कार्यकर्ताओं ने बताया कि रोजी रोटी, सुरक्षा-सम्मान की गारंटी करने, बेरोजगारी, मंदी, छटनी, महंगाई पर रोक लगाने, समान काम के बदले समान वेतन देने, स्कीम वर्करों को श्रमिक का दर्जा देने, किसान विरोधी तीनों काला कानून वापस लेने, जनविरोधी बिजली बिल वापस लेने, निर्माण मजदूरों का निबंधन करने, लॉकडाउन भत्ता देने, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कर्ज माफ करने, फुटपाथी दुकानदारों के लिए सरकारी दुकान की व्यवस्था करने, गुलामी के चार लेबर कोर्ड कानून को रद्द करने, पहले के अनुसार 8 घंटे काम की गारंटी करने, मनरेगा को मजबूत बनाने, 200 दिन काम की गारंटी करने, प्रवासी मजदूरों को काम देने, 10 हजार रू० प्रतिमाह भत्ता देने, 10 हजार रूपए न्यूनतम मासिक मजदूरी देने, 10 हजार मासिक पेंशन देने, निजीकरण पर रोक लगाने, राष्ट्रीय संपत्ति बेचने आदि को लेकर यह बन्दी आहूत हुई है।

उक्त मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय आम हड़ताल के अवसर पर गुरूवार को भाकपा माले के द्वारा छातापुर बाजार से जुलूस निकाला भी गया। इसके बाद ब्लॉक चौक स्थित यात्री शेड में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता भाकपा नेता श्री पासवान ने ही की। सभा को सवोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान मजदूर विरोधी सरकार है। जिस कारण सरकार में आते ही नए नए नियम कानून जैसे नोट बन्दी, जी एस टी आदि लाकर लोगों को परेशान करने का काम किया। वही कामरेड जगदेव यादव, बाबू लाल उरांव, शंकर पासवान, आदि ने भी आम हड़ताल को ऐतिहासिक रूप से सफल ब नाते हुए अपनी बात रखी।

सोनू कुमार भगत
कोशी की आस@सुपौल

 

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